- अस्पताल में भर्ती तबलीगी जमात के कोरोना संदिग्ध लगातार स्टाफ से कर रहे हैं बदसलूकी
- गाजियाबाद के अस्पताल में नर्सों के सामने कपड़े उतारने का भी मामला सामने आया है
- गाजियाबाद जिला प्रशासन ने छह जमातियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कर ली है
गाजियाबाद
एक तरफ डॉक्टर और नर्स के साथ तमाम हेल्थ वर्कर्स कोरोना मरीजों की जान बचा रहे हैं। दूसरी तरफ तबलीगी जमात के कोरोना संदिग्ध जाहलिपने पर उतर आए हैं। गाजियाबाद के एमएमजी में भर्ती जमाती लगातार अस्पताल स्टाफ के साथ दुर्व्यवहार कर रहे हैं। इतना ही नहीं, ये लोग नर्सों के सामने ही कपड़े बदलने के लिए कपड़े खोल देते हैं। अब जिला प्रशासन इन लोगों को जेल की बैरक में बंद करने पर विचार कर रहा है।
अस्पताल के सीएमएलस रविंद्र राणा ने बताया कि तबलीगी जमात से जुड़े जो कोरोना संदिग्ध भर्ती किए गए हैं, उनका व्यवहार बहुत गलत है। रविंद्र राणा ने बताया कि जमाती लगातार अश्लील हरकतें कर रहे हैं। ये लोग अस्पताल स्टाफ के साथ दुर्व्यवहार करते हैं, नर्सों के सामने ही कपड़ा बदलने लगते हैं और छोटी-छोटी बात पर हंगामा करते हैं।
इस मामले में गाजियाबाद के जिलाधिकारी ने जांच के आदेश दिए हैं। इससे पहले जिले के सीएमओ ने पुलिस को चिट्ठी लिखकर आरोप लगाए थे कि एमएमजी हॉस्पिटल में क्वारंटीन में रखे गए तबलीगी जमात के लोग वॉर्ड में बिना पैंट के ही घूम रहे हैं और नर्सों की ओर अभद्र इशारे कर रहे हैं। पुलिस इस मामले में जांच कर रही है।
छह के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर
जानकारी के मुताबिक, गाजियाबाद जिला प्रशासन इन लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है और इन्हें जेल के बैरक में ही बंद करने पर विचार चल रहा है। अस्पताल में स्टाफ के साथ अश्लील हरकतें करने, हंगामा करने और नियमों का उल्लंघन करने के मामले में 6 जमातियों के खिलाफ कोतवाली घंटाघर थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
इंदौर में मेडिकल टीम पर कर दिया पथराव
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बुधवार को इंदौर में कुछ ऐसा ही वाकया देखने को मिला जब एक शख्स की जांच करने पहुंचे स्वास्थ विभाग की टीम पर लोगों ने पथराव कर दिया। इंदौर के ताटपट्टी भक्खल में हेल्थ वर्कर कोरोना वायरस के फैलाव को देखते हुए एक शख्स की जांच करने गए थे। लेकिन स्थानीय लोगों ने उल्टे ही उनपर पथराव कर दिया। इस मामले में एक एफआईआर भी दर्ज की गई है। स्थानीय लोगों का कहना था कि यहां कोई भी कोरोना पीड़ित नहीं है।
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कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए जारी लॉकडाउन का पालन कराने के लिए पुलिस और प्रशासन मुस्तैद है। सभी लोग स्वस्थ रहें, इसलिए वर्दी में लोग दिन-रात सड़कों पर मुस्तैद हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में कुछ लोगों को घरों में रहने की नसीहत इतनी नागवार गुजरी कि उन्होंने पुलिसकर्मियों पर हमला क��� दिया। इस हमले में एक सब इंस्पेक्टर और एक कॉन्स्टेबल घायल हो गए हैं।
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दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात में कई लोगों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद भी कई मस्जिदों में इसी तरह के जमात की खबरें आ रही हैं। ऐसी ही एक सूचना के आधार पर मंगलवार की देर रात मधुबनी पुलिस तहकीकात करने पहुंची थी। लेकिन मस्जिद में मौजूद लोगों ने पुलिस पर ना सिर्फ पथराव किया बल्कि फायरिंग भी कर दी। तबलीगी जमात समर्थकों के हमले के बाद बीडीओ और थानेदार वहां से जान बचाकर भाग निकले थे। लेकिन हिंसा पर उतारू हमलावरों ने प्रशासन की एक गाड़ी में तोड़फोड़ कर उसे तालाब में गिरा दिया। पुलिस में मामले में कार्रवाई करते हुए 15 लोगों के खिलाफ नामजद FIR करते हुए 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
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बुधवार को मुंगेर में संदिग्ध मरीजों की जांच के लिए पहुंची मेडिकल टीम पर हमला हो गया। यहां एक बच्ची की मौत के बाद टीम उसके परिवार को होम क्वारंटीन में रखने और जांच के लिए गई थी। हंगामा होने के बाद जब पुलिस बुलाई गई थी तो उसकी गाड़ी पर भी स्थानीय लोगों ने पथराव किया। बिहार में कोरोना वायरस की जांच को लेकर पत्थरबाजी के कई मामले हो चुके हैं।
शुरुआत से ही तबलीगी जमात के कोरोना संदिग्ध स्वास्थ्यकर्मियों का सहयोग करने की बजाय उनसे बदसलूकी कर रहे हैं। दिल्ली में स्वास्थ्यकर्मियों के ऊपर थूकने और आइसोलेशन सेंटर में जानबूझकर हंगामा खड़ा करने का मामला सामने आ चुका है। वहीं, बिहार में तबलीगी जमात के लोगों की तलाश को गई टीम पर हमला भी किया गया।
निजामुद्दीन से देशभर में फैले जमाती
दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में हुए तबलीगी जमात के कार्यक्रम के बाद देश में कोरोना के हजारों मामले सामने आने की आशंका जताई जा रही है। इसमें से अभी तक लगभग 400 कोरोना संक्रमित लोग पाए जा चुके हैं। निजामुद्दीन मरकज से 2 से 3 हजार लोगों को निकाला जा चुका है। कई राज्यों में फैले जमात के लोगों को अलग-अलग राज्यों के अस्पतालों में ही ऐडमिट किया जा रहा है।