- ब्रिटेन ने चीन की कंपनी हुवावे को किया बैन, सभी टेलीकॉम ऑपरेटरों से 2027 तक चीनी उपकरणों को हटाने को कहा
- पीएम बोरिस जॉनसन की अध्यक्षता में हुए बैठक में हुवावे को बैन करने का लिया गया फैसला
- अमेरिका ने पहले ही हुवावे को किया है बैन, सुरक्षा के लिए बताया था खतरा
लंदन
हॉन्ग कॉन्ग को लेकर जारी तनाव के बीच अमेरिका के बाद अब ब्रिटेन ने चीनी कंपनी हुवावे को 5जी नेटवर्क बनाने को लेकर बैन कर दिया है। ब्रिटिश सरकार ने टेलिकॉम कंपनियों को आदेश दिया है कि वे 2027 तक 5जी नेटवर्क से हुवावे के सभी उपकरणों को हटा दें। इससे पहले अमेरिका ने भी हुवावे के सभी उपकरणों को प्रतिबंधित किया था।
नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की मीटिंग में फैसला
ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की अध्यक्षता में हुई नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की मीटिंग के बाद फैसला लिया गया कि देश में 5जी नेटवर्क के निर्माण में चीनी कंपनी की भागीदारी को खत्म किया जाएगा। ब्रिटिश सरकार ने यह फैसला नेशनल साइबर सिक्योरिटी काउंसिल के रिपोर्ट की समीक्षा करने के बाद लिया। चीनी कंपनी हुवावे पर डेटा चोरी और गुप्त सूचनाओं को लीक करने का आरोप है।
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देश की सुरक्षा के लिए खतरनाक है हुवावे
ब्रिटेन के संस्कृति सचिव ओलिवर डाउडेन ने कहा कि नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल ने चेतावनी दी थी कि अमेरिका के प्रतिबंध के बाद हुवावे के सिक्योरिटी को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। 5जी नेटवर्क में हुवावे की उपस्थिति देश की सुरक्षा के लिए खतरनाक हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि ब्रिटेन को भरोसा नहीं है कि हुवावे अपने उपकरणों की सुरक्षा को लेकर कोई गांरटी दे पाएगा।
हुवावे को लेकर ब्रिटेन पर दबाव बना रहा था चीन!
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने जून महीने के शुरुआत में दावा किया था कि चीन लंदन स्थित एचएसबीसी बैंक के जरि ब्रिटेन पर अपनी परियोजनाओं के लिए दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। पोम्पियो ने कहा था कि चीन ने ब्रिटेन के बैंक द हांगकांग एंड शंघाई बैंकिंग कॉर्पोरेशन (एचएसबीसी) को कथित तौर पर दंडित करने की धमकी दी है। उसने कहा है कि अगर ब्रिटेन हुवेई को उसका 5जी नेटवर्क बनाने की अनुमति नहीं देगा तो वह भी ब्रिटेन में परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के निर्माण का अपना वादा तोड़ देगा।
कम्युनिस्ट पार्टी के निगरानी तंत्र का हिस्सा है हुवावे
अमेरिका ने कहा था कि शेनझेन स्थित हुवावे चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के निगरानी तंत्र का हिस्सा है। पोम्पियो ने कहा था कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के धौंस जमाने के तरीकों के खिलाफ अमेरिका अपने सहयोगियों और साझेदारों के साथ खड़ा है। उसके द्वारा एचएसबीसी को धमकाने को एक चेतावनी की तरह लेना चाहिए।
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30 जून को अमेरिका ने लगाया था बैन
चीनी टेलिकॉम कंपनी हुवावे पर 30 जून को अमेरिका ने भी बैन लगाया था। US फेडरल कम्युनिकेशन कमिशन ने 5-0 से मतदान कर चीन की टेक कंपनी हुआवे और ZTE को राष्ट्रीय खतरा बताया था। इसके साथ ही अमेरिकी कंपनियों को इक्विपमेंट खरीदने को लेकर मिलने वाले 8.3 अरब डॉलर के फंड को ट्रंप सरकार ने रोक दिया था। अमेरिकी टेलिकॉम रेग्युलेटर ने नवंबर में ही इस बाबत 5-0 से मतदान किया था।
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दोनों चाइनीज कंपनियों के इक्विपमेंट्स हटाने होंगे
US फेडरल कम्युनिकेश कमिशन (FCC)ने साफ-साफ कहा है कि टेलिकॉम कंपनियों को अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर से इन दोनों चाइनीज कंपनियों के इक्विपमेंट्स को हटाना होगा। FCC चेयरमैन अजित पई ने कहा कि हम चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी को अमेरिकी सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं करने देंगे।