आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या मामले की चल रही जांच से यह संकेत मिल रहे हैं कि यह एक 'टार्गेट कीलिंग' थी यानी अंकित को जानबूझकर निशाना बनाया गया था। सूत्रों ने बताया कि यह सिर्फ दंगे में हुई मौत का मामला नहीं है। पुलिस पूरे घटनाक्रम की कड़ी जोड़ रही है। अंकित 25 फरवरी को शाम 5 बजे के करीब ऑफिस से लौटे थे और अपने दोस्तों के साथ बाहर गए थे । उनके साथ उनका दोस्त कालू भी था और कुछ और लोग थे, जो कि पुलिया के एक तरफ खड़े थे। तभी दूसरी तरफ से पथराव हुआ और अंकित सामने ही खड़े था।
प्रत्यक्षदर्शियों ने पुलिस को बताया कि अंकित को पत्थर लगी और वह गिर गए। इसके बाद दूसरी तरफ से तीन-चार लोग आए और उन्होंने अंकित को काबू में कर लिया। इसके बाद अंकित को एक घर के अंदर ले जाया गया। सूत्र ने बताया, 'हैरानी की बात है कि उन्होंने अंकित के अलावा किसी को टच नहीं किया।'
अंकित को सुनसान इलाके में ले जाया
अंकित को किसी सुनसान जगह ले जाया गया जिसके बाद उसे किसी ने नहीं देखा। जहां उनके कपड़े उतार दिए गए और नृशंसता की गई। उनका शव फिर नाले में फेंक दिया गया। उसके शव पर सिर्फ अंडरगारमेंट थे। अगली दिन उनका शव नाले से मिला। घटनाक्रम, प्रथम द्रष्टया मिली जानकारी, कुछ बयानों और डॉक्टरों की शुरुआत राय को देखते हुए आईबी का यह मानना है कि अंकित की हत्या किसी मकसद से की गई थी। आईबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'घटनाक्रम संकेत देते हैं कि हत्यारे कुछ संदेश देना चाहते थे। हम जो देख रहे हैं यह उससे कहीं बड़ा है।' अंकित के शव पर चोट की संख्या स्पष्ट नहीं है, वहीं पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टरों ने पुलिस को बताया कि उसके शरीर पर कम से कम चाकू से मारने के 54 गहरे घाव थे।
टार्गेट कीलिंग ऐंगल से भी जांच
जांचकर्ताओं ने कहा कि मामले की जांच अब टार्गेट कीलिंग को देखकर भी की जा रही है। उन्होंने कहा, 'सच्चाई यह है कि अंकित का अपहरण हुआ और दूर ले जाया गया। उन्हें घटनास्थल पर नहीं मारा गया जिसने संदेह पैदा किया है। जब घटनाक्रम सामने आया तभी इस बात को बल मिला है। शव जिस हालत में मिला है उससे प्रतिशोध स्पष्ट झलकता है। भीड़ द्वारा किसी व्यक्ति को इस तरह नहीं मारा जाता।'
बांग्लादेशी अपराधियों पर है पुलिस की नजर
क्या पुलिस को कोई सुराग मिला है, इस पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि वे अंकित को खींचकर ले जाने वाले शख्स की पहचान करने में जुटे हैं। उन्होंने कहा, 'इलाके के टेक्निकल सर्वेलांस के आधार पर सबूत का इंतजार किया जा रहा है। हम बांग्लादेशी अपराधियों के ग्रुप को ट्रेस कर रहे हैं जिनका लोकेशन उस वक्त वहां पाया गया था।'