साल का पहला सूर्य ग्रहण कल रविवार (21 जून 2020) को सुबह 9:15 बजे से शुरू होगा और दोपहर बाद 03:04 बजे तक रहेगा। इस ग्रहण का मध्य 12:10 के आसपास रहेगा में जिसमें सूर्य एक वलय/फायर रिंग/चूड़ामणि के रूप...
यह हरतालिका व्रत कथा शिवजी ने ही मां पार्वती को सुनाई थी। शिव भगवान ने इस कथा में मां पार्वती को उनका पिछला जन्म याद दिलाया था। पढ़ें विस्तार से... 'हे गौरा, पिछले जन्म में तुमने मुझे पाने के लिए बहुत छोटी उम्र में कठोर तप और घोर तपस्या की थी।
नास्त्रेदमस की एक भविष्यवाणी की चर्चा अक्सर होती है वह यह कि 21वीं सदी में एक महान व्यक्ति का जन्म होगा जो दुनिया को बदल कर रख देगा। सही मायने में वह विश्व शासक होगा और लोग उसकी बातों को मानेंगे। उस शासक या महान व्यक्ति का मान होगा 'शायरन'।
पुराणों में बताया गया है कि कलियुग के अंत में भगवान कल्कि अवतरित होंगे। वे एक सफेद घोड़े पर बैठ कर आएंगे और राक्षसों का नाश कर देंगे। पौराणिक मान्यता के अनुसार कलियुग 432000 वर्ष का है
रुद्राक्ष एकमुखी से चौदहमुखी तक पाए जाते हैं। रुद्राक्ष माला से जप करने तथा धारण करने से करोड़ों पुण्यों की प्राप्ति होती है
हिन्दू धर्म दुनिया का प्रथम और सबसे प्राचीन धर्म है। इस धर्म का एक मात्र ग्रंथ है वेद। वेदों के सार को ही उपनिषद कहते हैं। इसे ही वेदातं कहा गया है। हिन्दू धर्म में ब्रह्म को ही सत्य माना गया है जो संपूर्ण जगत में व्याप्त होकर भी जगत से अलग है। सभी आत्माएं उस ब्रह्म का अंश ही है। हिन्दू धर्म की सैकड़ों बाते हैं जिसे दुनिया पसंद करती है, लेकिन हम यहां बताएं मात्र 10 खासियत।
पर्वों और त्योहारों की श्रृंखला आरंभ हो रही है। 16 जुलाई 2019 को गुरु पूर्णिमा है साथ ही है इस वर्ष का आखिरी चंद्र ग्रहण। इस दिन आकाश में दुर्लभ योग निर्मित हो रहा है। यह शुभ संयोग 149 साल बाद बन रहा है।
देवशयनी एकादशी को देव प्रबोधिनी एकादशी के समान ही बड़ी और पवित्र माना गया है। इस दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न किया जाता है। आइए जानें आपकी राशि अनुसार उपाय और शुभ मंत्र :
इस महीने देवशयनी एकादशी आषाढ़ शुक्ल एकादशी यानि 12 जुलाई 2019 को है। देवशयनी एकादशी के दिन से देवउठनी एकादशी तक भगवान श्रीहरि चार महीने के लिए पाताल लोक में शयन हेतु चले जाते हैं। इसलिए इस चार महीने को चातुर्मास कहा जाता है।
अविवाहित स्त्री शिव की पूजा कर ही नहीं सकती। अगर आप ऐसा सोच रहे हैं तो आप बिल्कुल गलत हैं। बल्कि अविवाहित स्त्री भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा एक साथ कर सकती हैं।
शनिवार के दिन हनुमानजी को प्रसन्न करने के लिए विशेष उपाय करें तो कुछ ही समय में किस्मत चमक सकती है। ये खास उपाय आपकी हर मनोकामना पूरी कर सकते हैं और सभी कष्टों का निवारण कर सकते हैं।
भगवान विष्णु के अवतार भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की रथ यात्रा इस बार चार जुलाई 2019 को प्रारंभ होगी। जानें आखिर क्यों निकाली जाती है भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा और क्या है इसके पीछे की पूरी कहानी
पुरी के विश्वप्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर के चमत्कारों से सभी सुपरिचित हैं। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि इस मंदिर पर कई बड़े हमले हुए हैं। हर हमले के बाद मंदिर और मंदिर के चमत्कारों पर कोई असर नहीं हुआ है।
इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार हिजरी संवत 2 यानी 624 ईस्वी में पहली बार ईद-उल-फितर मनाया गया था इस बार 4 जून की शाम को चांद दिखाई दिया, आज ईद मनाई जा रही | Eid Mubarak / Eid ul Fitr 2019 ईद-उल-फितर को मीठी ईद के रूप में भी जाना जाता है। हिज़री कैलेंडर के अनुसार दसवें महीने यानी शव्वाल के पहले दिन ये त्योहार दुनिया भर में मनाया जाता है।