मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह ने मंगलवार को एक बार फिर नोटबंदी के फैसले को गलत बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार की ओर से बिना सोचे-समझे लिए गए इस फैसले की वजह से ही देश में बेरोजगारी की दर अधिक हो गई है और असंगठित क्षेत्र खंडहर हो गया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मोदी सरकार राज्यों के साथ नियमित तौर पर विचार-विमर्श नहीं करती है।
चुनावी राज्य केरल में कांग्रेस पार्टी से जुड़े थिंक टैंक राजीव गांधी डिवेलपमेंट स्टडीज के एक वर्चुअल सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा अस्थायी उपायों से क्रेडिट समस्या को छिपाया नहीं जा सकता है। यह संकट स्मॉल और मीडियम सेक्टर को प्रभावित कर सकता है।
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''प्रतीक्षा 2020'' नाम से आयोजित सम्मलेन में पूर्व पीएम ने कहा, ''बेरोजगारी अधिक है और असंगठित क्षेत्र तबाह हो चुका है। यह संकट 2016 में बिना सोचे समझे लिए गए नोटबंदी के फैसले से उपजा है।'' चुनाव से पहले आयोजित इस समारोह का मकसद केरल के विकास के लिए विजन डॉक्यमेंट को लॉन्च करना है।
मनमोहन सिंह ने कहा, ''संघवाद और राज्यों के साथ नियमित परामर्श, जोकि भारत की आर्थिक और राजनीतिक आधारशिला और संविधान में निहित दर्शन है, मौजूदा केंद्र सरकार इसे अहमियत नहीं देती है।'' केरल के विकास को लेकर अपनी राय रखते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि राज्य में सामाजिक मापदंड ऊंचे हैं, लेकिन भविष्य में दूसरे क्षेत्रों में ध्यान देने की जरूरत है।
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पूर्व पीएम ने कहा कि यहां कई रुकावटें हैं, जिनसे राज्य को पार पाना है। उन्होंने कहा कि डिजिटल मोड की वजह से आईटी सेक्टर तो काम कर रहा है, लेकिन पर्यटन क्षेत्र पर महामारी का बहुत बुरा असर पड़ा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य पर फोकस करने की वजह से केरल के लोग देश और दुनिया के सभी हिस्सों में नौकरी पाने में सक्षम हुए हैं।