- मां सीता के बारे में बेहद अभद्र टिप्पणियां करने वाली महिला को यूपी पुलिस ने किया गिरफ्तार
- हीर खान उर्फ सना नाम की इस महिला ने मां सीता और अयोध्या को लेकर कही थी आपत्तिजनक बातें
- महिला के खिलाफ आईपीसी की धाराओं 153-A और 505 के साथ आईटी ऐक्ट के तहत दर्ज हुआ है केस
- तीनों ही धाराओं में 3 साल तक की कैद या जुर्माना या फिर दोनों सजा का है प्रावधान
नई दिल्ली
हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ बहुत ही आपत्तिजनक टिप्पणियां करने वाली यू-ट्यूबर हीर खान उर्फ सना उर्फ परी खान को यूपी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। केस दर्ज होने के बाद से ही हीर फरार थी लेकिन प्रयागराज पुलिस ने 24 घंटे के भीतर उसे गिरफ्तार कर लिया। वह 'ब्लैक डे 5 अगस्त' नाम से यू-ट्यूब चैनल चलाती है। सोशल मीडिया पर उसका एक वीडियो काफी वायरल हुआ था जिसमें उसने मां सीता के बारे में बेहद आपत्तिजनक बातें और भद्दी-भद्दी गालियां दी थीं। उसके खिलाफ आईपीसी की अलग-अलग धाराओं और आईटी ऐक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। आइए समझते हैं कि हीर की तरह मजहबी नफरत फैलाने वालों के लिए कानून में किस सजा का प्रावधान है। उसके खिलाफ किन-किन धाराओं में केस दर्ज किया गया है और उसका मतलब क्या है।
हीर खान के खिलाफ किन धाराओं में केस
यूपी पुलिस ने हीर खान के खिलाफ इंडियन पेनल कोड के सेक्शन 153-A, 505 और इन्फॉर्मेशन टेक्लनॉलजी ऐक्ट के सेक्शन 66 के तहत केस दर्ज किया गया है। उसकी गिरफ्तारी के बाद प्रयागराज के एसएसपी ने इस तरह के सभी अराजक तत्वों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर कोई भी धार्मिक भावनाओं को आहत करने या धार्मिक वैमनस्य फैलाने की कोशिश करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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क्यों लगी धारा 153-A और क्या है इसकी सजा
किसी खास समूह, धर्म, समुदाय या किसी धर्म के देवी-देवताओं, पैगंबर के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियों, उनके मजहब, नस्ल, जन्म स्थान, आवास या भाषा पर हमले के मामले में इस धारा का इस्तेमाल होता है। अलग-अलग धार्मिक समूहों, नस्ल, भाषा बोलने वाले या क्षेत्रीय समूह या जाति या समुदायों के बीच नफरत या दुश्मनी फैलाने, सौहार्द बिगाड़ने वाली हरकत के मामले में आईपीसी की धारा 153-A का इस्तेमाल किया जाता है। वीडियो में हीर खान ने मां सीता के बारे में बहुत ही आपत्तिनजनक और घिनौनी गालियों का इस्तेमाल किया था। इस वजह से उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 153-A के तहत केस दर्ज किया गया।
"सोशल मीडिया पर हिन्दू धर्म के देवी देवताओं के विरूद्ध आपत्तिजनक टिप्पणी से संबंधित वीडियो का संज्ञान लेकर थाना खुल्द��बाद में अभियोग पंजीकृत करके वीडियो को पोस्ट करने वाली अभियुक्ता सना उर्फ हीर को 24 घण्टे के अन्दर गिरफ्तार किया गया ।"@Uppolice @dgpup @ADGZonPrayagraj pic.twitter.com/jmdDH4XtZH
— PRAYAGRAJ POLICE (@prayagraj_pol) August 25, 2020
यह एक संज्ञेय अपराध है। इसके लिए 3 साल तक कैद या जुर्माना या फिर दोनों सजा हो सकती है। अगर यह अपराध किसी धर्मस्थल में किया जाता है तो इसकी सजा 5 साल तक हो सकती है। अगर हीर खान दोषी पाई जाती है तो इस धारा के तहत उसे 3 साल तक कैद की सजा हो सकती है।
क्यों लगी धारा 505 और क्या है इसकी सजा
हीर खान के खिलाफ आईपीसी की जिस एक और धारा के तहत केस दर्ज हुआ है, वह है धारा 505। यह धारा तब लगती है जब किसी वर्ग या समुदाय का कोई व्यक्ति किसी अन्य वर्ग या समुदाय के खिलाफ कोई अपराध करता है। जब आरोपी का मकसद किसी वर्ग या समुदाय को भड़काना होता है। इसके अलावा धर्म, नस्ल, जन्म स्थान, आवास, भाषा, जाति या समुदाय के आधार पर अलग-अलग वर्गों के बीच शत्रुता, नफरत या वैमनस्य फैलाने वाले बयान देने, प्रकाशित करने या फैलाने पर भी इस धारा का इस्तेमाल होता है। सोशल मीडिया साइट्स पर जानबूझकर ऐसी पोस्ट या कमेंट करने पर जिसमें झूठी बातें या अफवाहें हों और वो किसी की भावनाओं को भड़काने वाली हों, इस धारा का इस्तेमाल किया जाता है। वायरल वीडियो में हीर खान सीधे-सीधे देवी सीता के खिलाफ बेहद भद्दी-भद्दी गालियों का इस्तेमाल करते हुए दिखाई दे रही है। यही वजह है कि उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 505 भी लगाई गई है। इस धारा के तहत दोषी को 3 साल तक कैद या जुर्माना या फिर दोनों सजाएं हो सकती हैं।
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आईटी ऐक्ट की धारा 66 के तहत कितनी सजा मिल सकती है
इंटरनेट के जरिए किए गए अपराध के मामले में इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलजी ऐक्ट की धारा 66 का इस्तेमाल होता है। इसमें दोषी पाए जाने पर 3 साल तक कैद या 5 लाख रुपये तक जुर्माना या दोनों सजाएं हो सकती हैं।