नई दिल्ली
पीएम नरेंद्र मोदी संभवतः उन हस्तियों की लिस्ट में शामिल होने जा रहे हैं जिन्होंने सोशल मीडिया को अलविदा कह दिया है। इन हस्तियों के अकाउंट बंद करने पर सोशल मीडिया को शायद वैसा व्यापक नुकसान नहीं हुआ होगा जो पीएम नरेंद्र मोदी के फैसले से हो सकता है क्योंकि वह न सिर्फ दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के प्रधानमंत्री हैं बल्कि सोशल मीडिया की सर्वाधिक लोकप्रिय हस्तियों में शुमार हैं, उनके फॉलोअर्स की संख्या करोड़ो में है। पीएम मोदी ने सोमवार रात ट्वीट कर कहा है कि वह सोशल मीडिया के अपने अकाउंट को छोड़ने का विचार कर रहे हैं। उनके इस बयान से फैन्स में काफी निराशा है तो वहीं यह सोशल मीडिया कंपनियों- फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब और इंस्टाग्राम के मालिकों को भी परेशान कर सकता है।आइए जानते हैं कि पीएम मोदी ने सोशल मीडिया छोड़ने का लिया फैसला तो इन कंपनियों को किस तरह झटका मिल सकता है....
सोशल मीडिया के लिए भारत बड़ा बाजार
130 करोड़ की जनसंख्या वाला भारत सोशल मीडिया कंपनियों के लिए बड़ा बाजार है। पीएम नरेंद्र मोदी भारत के सबसे लोकप्रिय हस्तियों में से एक हैं जिनके करोड़ों फॉलोअर्स हैं। वह देश के उन नेताओं में हैं जिन्होंने सोशल मीडिया का इस्तेमाल एक दशक से भी ज्यादा वक्त पहले शुरू कर दिया था। उन्होंने इसके महत्व को समझा था कि किस तरह इसके जरिये आम जनता से जुड़ा जा सकता है। पीएम मोदी के एक- एक ट्वीट और फेसबुक पोस्ट पर हजारों की संख्या में लोग लाइक और रिट्वीट करते हैं। लोग उनके एक-एक पोस्ट पर नजर रखते हैं। यूट्यूब पर उनके एक-एक विडियो को लाखों लोग देखते हैं। अगर आंकड़ों की बात करें तो फेसबुक पर उनके 4.4 करोड़ से अधिक, इंस्टाग्राम पर 3.5 करोड़, ट्विटर पर 5.3 करोड़ से अधिक फॉलोअर्स हैं तो यूट्यूब पर उनके 45 लाख सब्सक्राइबर हैं। जिस शख्स के सोशल मीडिया फॉलोअर्स की संख्या दुनिया के कई देशों की जनसंख्या से भी ज्यादा हो तो उस हैंडल के बंद हो जाने पर सोशल मीडिया कंपनियों की सिर पर चिंता के बल तो पड़ ही जाएंगे।
ट्रेंड सेट करने वाला बनाएगा दूरी तो क्या करेगा फेसबुक, ट्विटर
चुनावी जीत में पीएम मोदी और उनकी पार्टी बीजेपी की सफलता के पीछे सोशल मीडिया बड़ी वजह रही है जो जनता और उनके बीच कनेक्ट करने का बेहतरीन माध्यम है। चुनाव कैम्पेन हो या स्कूली बच्चों से संवाद, उन्होंने इसके लिए सोशल मीडिया का भरपूर इस्तेमाल किया है। पीएम मोदी ने एक ट्रेंड सेट किया जिसका दूसरे नेताओं ने भी अनुसरण किया। उनकी सफलता से सीखते हुए ही कई नेताओं ने खुद को सोशल मीडिया से जोड़ा। अब तक सभी पार्टियों के अपने आईटी सेल तक खड़े हो चुके हैं जो दिनभर सोशल मीडिया पर चल रहे ट्रेंड और खबरों की मॉनिटरिंग करते रहते हैं। बता दें कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी पीएम मोदी से काफी बाद में सोशल मीडिया से जुड़े हैं। पीएम मोदी सोशल मीडिया कंपनियों के लिए भारत में एकतरह से ब्रैंड ऐम्बेसडर बन चुके हैं। उनकी लोकप्रियता ही है कि भारत आने पर सोशल मीडिया कंपनियों के मालिक उनसे मुलाकात करते हैं और अमेरिकी दौरे पर फेसबुक चीफ मार्क जकरबर्ग ने उन्हें अपने हेडक्वॉर्टर्स आमंत्रित किया था।
भारत ने लॉन्च की अपनी कंपनी तो क्या होगा असर
सोशल मीडिया कंपनियों के मन में यह चिंता भी बैठ गई है कि कहीं भारत अपनी कंपनी तो शुरू नहीं करने जा रहा। ऐसी अटकलें भी हैं कि पीएम मोदी अब सिर्फ नमो ऐप से जनता से संवाद कर सकते हैं। फेसबुक, ट्विटर जैसे सोशल मीडिया कंपनियों का डर स्वाभाविक है क्योंकि पीएम मोदी कई मौकों पर फेक न्य���ज पर लगाम लगाने की अपील इन कंपनियों से कर चुके हैं, लेकिन इस अपील का कोई प्रभावी असर नहीं दिख रहा है। हो सकता है कि पीएम मोदी का यह ट्वीट उन कंपनियों पर दबाव बनाने की भी कोशिश हो। लेकिन अगर इससे उलट भारत ने अपनी कंपनी शुरू की और पीएम मोदी उससे जुड़ते हैं तो निश्चित रूप से उनके फॉलोअर्स और अन्य देशवासी भी उसका रुख करेंगे। इससे उस सोशल मीडिया मंच की लोकप्रियता भारत और दुनिया में बढ़ेगी जिससे जाहिर है फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब और इंस्टाग्राम की लोकप्रियता पर असर हो सकता है। हालांकि, अभी इन चारों में से किसी भी सोशल मीडिया कंपनी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।