देहरादून/हरिद्वार
उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर फटने के बाद लोगों के बीच अफरातफरी का माहौल है। इस घटना के कारण देवप्रयाग से हरिद्वार तक हाई अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा राज्य में सभी जिलों को डीएम को हालातों की मॉनिटरिंग करने के लिए कहा गया है। शुरुआती तौर पर चमोली में 50 से अधिक लोगों के पानी में बहने की सूचना मिली है।
ये त्रासदी ऐसे वक्त में आई है, जबकि हरिद्वार में कुंभ मेले का आयोजन हुआ है। उत्तराखंड में बाढ़ के ताजा हालातों ने लोगों के मन में 2013 में केदारनाथ धाम की उस त्रासदी की याद ताजा कर दी है, जिसमें हजारों लोगों ने अपनी जान गंवाई थी।
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इन इलाकों में हुआ था भारी नुकसान
चमोली के स्थानीय लोगों के मुताबिक, बाढ़ का दृश्य कुछ ऐसा ही दिख रहा जैसे कि जून 2013 में केदारनाथ त्रासदी के दौरान दिखा था। केदारनाथ धाम में साल 2013 में 13 से 17 जून के बीच भारी बारिश के बाद यहां का चौराबाड़ी ग्लेशियर पिघल गया था। इस ग्लेशियर के कारण यहां पर मंदाकिनी नदी ने विकराल रूप से लिया था और पर्वतीय इलाकों से गुजरता नदी का पानी केदारनाथ धाम तक पहुंच गया था।
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बाढ़ के कारण सबसे अधिक नुकसान केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और हेमकुंड साहिब जैसे स्थानों पर हुआ था। इस त्रासदी में लगभग 50 हजार से ज्यादा व्यक्ति लापता हो गए और 1,10,000 लोगों को सेना ने बचाया।
150 लोग लापता और ऋषिगंगा प्रॉजेक्ट को नुकसान
2013 की त्रासदी के करीब साढ़े 6 साल बाद चमोली की बाढ़ ने अब फिर वह सारी तस्वीरें ताजा कर दी हैं, जिसमें लोगों ने प्राकृतिक आपदा का वह भयानक दृश्य देखा था। चमोली के कई गांवों को बाढ़ के कारण नुकसान होने की खबर है।
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इसके अलावा यहां पर ऋषिगंगा प्रॉजेक्ट को भी काफी नुकसान हुआ है। SDRF की सीईओ रिद्धिमा अग्रवाल के मुताबिक, पानी के तेज बहाव में ऋषिगंगा और धौलीगंगा प्रोजेक्ट के करीब 150 लोगों के लापता होने की खबर है।
पावर प्रॉजेक्ट के अधिकारियों ने प्रशासन से कहा है कि करीब 150 लोगों का पता नहीं चल पा रहा है। बचाव टीम को लोगों को निकालने के लिए निर्देश दिए गए हैं।
जिला प्रशासन की टीमों को पहुंचने के निर्देश
इस घटना पर बात करते हुए सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि SDRF और जिला प्रशासन की टीमों को जल्द से जल्द घटनास्थल पर पहुंचने का निर्देश दिया गया है। स्थानीय लोगों से बातचीत के मुताबिक ही जानकारी हमारे पास भी है। ऐसे में हमारी प्राथमिकता है कि वहां फंसे लोगों को जल्द से जल्द बाहर निकाला जाए।