चंडीगढ़
नए कृषि कानूनों (New Farm Law) के खिलाफ किसानों के आंदोलन के बीच संत बाबा राम सिंह ने बुधवार को खुद को गोली मार ली। इसके बाद उन्हें आनन-फानन अस्पताल ले जाया गया, जहां उनको मृत घोषित कर दिया गया। बाबा बुड्ढा साहेब जी प्रचारक सभा करनाल के सेक्रटरी गुलाब सिंह कहते हैं कि मैं वर्ष 1996 से उनका शिष्य हूं। बाबा जी का जन्म जगरांव पंजाब में हुआ था। वह छह बहनों में इकलौते भाई थे। मैंने उनसे कीर्तन प्राप्त किया था। गुलाब सिंह ने बताया कि सिविल अस्पताल में संत बाबा राम सिंह के पार्थिव शरीर का पोस्टमॉर्टम किया जा रहा है ताकि आगे की तमाम आशंकाओं पर लगाम लगाई जा सके।
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रागी गुलाब सिंह कहते हैं, 'जब यह घटना हुई उस वक्त भाई मंजीत सिंह उनके नजदीक ही थे। वह बाबा राम सिंह के हुजूरी सेवक हैं। वह हर वक्त बाबा जी के साथ ही रहते हैं।' गुलाब सिंह ने कहा, '8 और 9 दिसंबर को बाबाजी ने करनाल में अरदास समागम रखा, जिसमें कई जत्थे आए थे। बाबाजी ने अरदास की कि किसान आंदोलन में जो भी किसान शामिल हैं, वे सुखशांति से अपने घर पहुंचें। 9 दिसंबर को बाबाजी किसान आंदोलन में 5 लाख रुपये देकर आए थे। इसके बाद बाबाजी वहां पर गर्म कंबल देकर भी आए। वह हर रोज अपने जत्थे समेत पहुंच रहे थे। हर दिन वह डायरी लिखते थे। वह कहते कि मुझसे यह दुख नहीं देखा जा रहा।' एनबीटी ऑनलाइन के साथ गुलाब सिंह ने संत बाबा राम सिंह के साथ एक तस्वीर भी साझा की है। वह कहते हैं, 'यह तस्वीर 6 दिसंबर की है। हम उन्हें समागम के लिए आमंत्रित करने गए थे।'
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'बाबा ने अपनी शहादत दी है'
गुलाब सिंह ने बताया, 'बाबा राम सिंह फिर से पहुंचे थे। यहां उन्होंने अपने सेवादारों से कहा कि आप स्टेज पर जाओ। इस दौरान सभी वहां से चले गए। बाबा राम सिंह गाड़ी में बैठे हुए थे। फिर उन्होंने एक नोट लिखा। इसमें उन्होंने लिखा कि किसान आंदोलन से दुखी होकर कई भाइयों ने अपनी नौकरी छोड़ी, अपना सम्मान वापस किया। ऐसे में मैं अपना शर���र समर्पित कर रहा हूं। पिस्टल गाड़ी में पड़ा हुआ था। वही लेकर उन्होंने खुद को शहीद कर लिया। किसान आंदोलन में उन्होंने अपनी शहादत दी है।' गुलाब सिंह कहते हैं कि पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार नानक सर सिंगड़ा, करनाल हरियाणा में होगा। गुलाब सिंह ने कहा, 'हम सभी से इसी बात की अपील करते हैं कि वे शांति बनाकर रखें। ज्यादा से ज्यादा सिमरन करें।'
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