चांद पर चंद्रयान-2 की सॉफ्ट लैंडिंग से ऐन पहले लैंडर विक्रम से संपर्क टूटने के बाद देशभर में मायूसी है पर इसरो ने शनिवार शाम अपने ताजा अपडेट में गुड न्यूज दी है। ISRO ने बयान जारी कर बताया है कि मिशन अपने ज्यादातर उद्देश्यों में कामयाब रहा है। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) ने बताया कि ऑर्बिटरपहले ही चांद की कक्षा में स्थापित हो चुका है और वह चांद की विकास यात्रा, सतह की संरचना, खनिज और पानी की उपलब्धता आदि के बारे में हमारी समझ को और बेहतर बनाने में मदद करेगा। यह करीब 7 सालों तक ऑपरेशनल रहेगा और इस दौरान चांद के रहस्यों से पर्दा उठाने में मदद करेगा। आपको बता दें कि पहले कहा जा रहा था कि ऑर्बिटर केवल एक साल तक ही काम करेगा। इसरो अपने मिशन की सफलता को लेकर आश्वस्त है और चीफ के. सिवन ने भी बताया है कि चंद्रयान-2 को करीब 100% सफल माना जा सकता है।
ऑर्बिटर का कैमरा सबसे बेहतर, 7 साल करेगा काम
इसरो ने बताया कि ऑर्बिटर अपने 8 अत्याधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल करते हुए चांद अपने वर्तमान स्वरूप में कैसे आया, वहां कौन-कौन से खनिज हो सकते हैं, पानी की गुंजाइश कितनी है आदि सवालों का जवाब देने में मददगार होगा। इसरो ने बताया कि ऑर्बिटर का कैमरा किसी भी मून मिशन में इस्तेमाल हुए कैमरों में सबसे ज्यादा रेजॉलूशन (0.3m) वाला है। इस वजह से वह हाई रेजॉलूशन तस्वीरें भेजेगा जो दुनियाभर के वैज्ञानिकों के लिए काफी उपयोगी साबित होंगी। ऑर्बिटर की उम्र 1 साल की मानी जा रही थी लेकिन वह करीब 7 साल तक सक्रिय रहेगा।
चंद्रयान 2: इसरो सेंटर की भावुक तस्वीरें, भावुक इसरो चीफ को मोदी ने लगाया गले
चंद्रयान 2 शुक्रवार देर रात चांद से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर आकर कहीं 'खो' गया। इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार सुबह इसरो वैज्ञानिकों को संबोधित किया। भाषण के दौरान पीएम ने मिशन से जुड़े सभी लोगों की हौसलाअफजाई की। इस दौरान मिशन पूरा न होने पर इसरो सेंटर में मायूसी थी, मोदी के भाषण खत्म होने पर इसरो चीफ भावुक भी हुए। देखिए तस्वीरें
अपने 90 से 95 प्रतिशत उद्देश्यों में सफल चंद्रयान-2
इसरो ने बताया कि चंद्रयान-2 मिशन अभी तक अपने 90 से 95 प्रतिशत उद्देश्यों में कामयाब रहा है। लैंडर से संपर्क टूटने के बावजूद चंद्रयान-2 अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में अपना योगदान देना जारी रखेगा।
'भारत ही नहीं पूरी दुनिया उम्मीद और उत्सुकता से देख रही थी'
इसरो ने बताया कि चंद्रयान-2 मिशन बेहद जटिल था। एक बयान में बताया गया कि 22 जुलाई 2019 को लॉन्च के बाद से ही न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया चंद्रयान-2 के हर एक चरण से अगले चरण तक की यात्रा को बहुत ही उम्मीदों और रोमांच के साथ देख रही थी। यह एक अनोखा मिशन था जिसका उद्देश्य चांद के सिर्फ किसी एक हिस्से का नहीं, बल्कि सभी इलाकों का अध्ययन करना था। इकलौते मिशन में ही चांद की सतह के साथ-साथ उपसतह का भी अध्ययन करना था। इसमें हम काफी हद तक कामयाब रहे हैं।