मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) में चल रहे सियासी घमासान के बीच शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस अपने विधायकों को टूटने से बचाने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही हैं. वहीं, राज्य की राजनीतिक लड़ाई के लिए आज का दिन अहम हैं क्योंकि सुप्रीम कोर्ट का फैसला सियासी दलों की दिशा तय करेगा. इसी बीच महाराष्ट्र के पूर्व उप-मुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता छगन भुजबल (Chhagan Bhujbal) ने शरद पवार और अजीत पवार के बीच ट्विटर वॉर पर कहा कि दो पार्टियां बन गई हैं. पवार साहब भी उनके (अजित पवार) जैसे विचारों को आगे रख रहे हैं. अब लोगों को समझना है कि क्या सही और क्या गलत है?
सोमवार तड़के होटल हयात में अपने विधायकों से मिलने पहुंचे भुजबल ने कहा था, ''हम अपनी पार्टी के विधायकों से मिलने के लिए यहां (हयात होटल) आया हूं. हमारी पार्टी के एक या दो विधायक यहां नहीं हैं. बाकी सभी एकजुट हैं.''
उधर, एनसीपी के नेता नवाब मलिक का दावा है कि पार्टी के 52 विधायक हमारे पास वापस आ गए हैं, एक और हमारे संपर्क में है.
इससे पहले एनसीपी की शनिवार शाम को हुई बैठक में अजीत पवार पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए पार्टी ने उन्हें विधायक दल के नेता के पद से हटा दिया है. एनसीपी ने उनके स्थान पर दिलीप वलसे पाटिल को विधायक दल का नया नेता चुना है.
इससे पहले बीजेपी के साथ सरकार के गठन करने को लेकर पार्टी प्रमुख शरद पवार ने कहा था, "एनसीपी इसका पूर्ण विरोध करती है. यह पार्टी के खिलाफ उठाया गया कदम है और अजीत पवार ने पार्टी अनुशासन की धज्जियां उड़ा दी हैं."
गौरतलब है कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शनिवार सुबह आठ बजे बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलवाई. एनसीपी प्रमुख शरद पवार के बागी भतीजे अजीत पवार ने भी उनके साथ उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली. एनसीपी ने इसके बाद प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि भाजपा और अजित पवार ने महाराष्ट्र में सरकार भले बना ली है, लेकिन वे बहुमत साबित नहीं कर पाएंगे.