संसद के दोनों सदनों में इंस्टेंट ट्रिपल तलाक को कानूनी अपराध बनाने वाला बिल आखिरकार पास हो गया. ये बिल लोकसभा में पहले ही पास हो गया था, लेकिन राज्यसभा में इसका पास होना ऐतिहासिक था, क्योंकि एनडीए सरकार के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं था. इस बिल के पास होने का सत्ता पक्ष के लोग स्वागत कर रहे हैं, तो विपक्ष इसका पुरजोर विरोध कर रहा है. वहीं उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती में तो जंग छिड़ गई.
तीन तलाक बिल पास होने पर उमर अब्दुल्ला ने पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती पर निशाना साधते हुए कहा कि आप की पार्टी की गैरमौजूदगी के कारण सरकार को यह बिल पास कराने में मदद मिली.
अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, 'महबूबा मुफ्ती जी, आप ट्वीट करने से पहले यह चेक करिए कि आपके सांसदों ने इस बिल पर कैसे वोट दिया. मुझे लगता है कि वे सदन से अनुपस्थित रहे और ऐसा करके उन्होंने सरकार की मदद की, क्योंकि बिल को पास कराने के लिए सरकार को नंबर चाहिए थे.
Mehbooba Mufti ji, you might want to check how your members voted on this bill before tweeting. I understand they abstained which helped the government with the numbers needed to pass the bill. You can’t help the government & then “fail to understand need to pass”! https://t.co/Z0Ma5ST5ko
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) July 30, 2019
इससे पहले पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के नेता महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया, 'जब उच्चतम न्यायालय ने इस बारे में कोई निर्णय दे दिया है तो वह अपने आप में एक कानून बन गया है. ऐसे में अलग कानून लाने का क्या औचित्य है? यह मुस्लिमों को निशाना बनाने की चाल है.'
बता दें कि तीन तलाक बिल लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी पास हो गया है. राज्यसभा में बिल के पक्ष में 99 और विपक्ष में 84 वोट पड़े. हालांकि इस दौरान राज्यसभा में कांग्रेस सहित अधिकतर विपक्षी दलों के साथ-साथ अन्नाद्रमुक, वाईएसआर कांग्रेस ने भी तीन तलाक संबंधी विधेयक का कड़ा विरोध करते हुए इसे प्रवर समिति में भेजे जाने की मांग की. यही नहीं, विपक्षी दलों के सदस्यों ने इसका मकसद 'मुस्लिम परिवारों को तोड़ना' बताया है.