मध्य प्रदेश विधानसभा में बुधवार को दंड विधि संशोधन विधेयक पर मत विभाजन के दौरान बीजेपी के दो विधायकों ने कांग्रेस का साथ दिया. इनमें एक नारायण त्रिपाठी मैहर से और दूसरे शरद कोल शहडोल के ब्योहारी से विधायक हैं. नारायण त्रिपाठी पहले कांग्रेस में रह चुके हैं, उन्होंने कहा मैंने विकास के मुद्दे पर कमलनाथ सरकार का साथ दिया.
जानिए नारायण त्रिपाठी के बारे में
नारायण त्रिपाठी फिलहाल सतना की मैहर सीट से बीजेपी विधायक हैं. वो 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े और जीत भी गए. उन्होंने कांग्रेस के श्रीकांत चतुर्वेदी को करीब 3800 वोट से हराया था.
मैहर का मिथक
मैहर के बारे में कहा जाता है कि इस विधानसभा सीट से कोई भी प्रत्याशी एक ही दल से दोबारा चुनाव नहीं जीत पाता. त्रिपाठी इस बात के सबूत भी हैं. वो मैहर सीट से अब तक दल बदल-बदल कर प्रतिनिधित्व करते आ रहे हैं. 2003 के विधानसभा चुनाव में नारायण त्रिपाठी समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते थे. लेकिन 2008 में बीजेपी के मोतीलाल तिवारी ने उन्हें हरा दिया. 2013 में फिर कांग्रेस का टिकट हासिल करने में वो कामयाब रहे इस बार उन्होंने रमेश पांडेय बम बम महाराज को को 4800 वोट से हराया था.
लेकिन इस बार कुछ ही समय वो कांग्रेस में ठहरे और लोकसभा चुनाव के मतदान से दो दिन पहले 8 अप्रैल 2014 को वो कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए. 2016 के उप चुनाव में भाजपा के सिंबल पर चुनाव लड़ा और कांग्रेस के मनीष पटेल को 28282 मतों से हराया. नारायण त्रिपाठी 2005 में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष भी रहे.
मंत्री पद का लालच नहीं
बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने कांग्रेस के पक्ष में वोटिंग करने के बाद कहा- मैंने विकास के लिए कांग्रेस को समर्थन दिया है. बीजेपी सरकार ने मैहर का विकास नहीं किया. शिवराज सरकार ने अपने वायदे पूरे नहीं किए, इसलिए मैहर का विकास अधूरा रहा. मैहर विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए मैंने कांग्रेस को समर्थन दिया है. त्रिपाठी ने कहा मुझे मंत्री पद की लालसा नहीं है
शरद कोल
कांग्रेस के समर्थन में वोट डालने वाले दूसरे विधायक शरद कोल हैं. वो शहडोल के ब्यौहारी से विधायक हैं. ब्यौहारी वो इलाका है, जो कभी कांग्रेस का परंपरागत क्षेत्र था. कोल ने 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के रामपाल सिंह 32450 वोटों से हराया.
ब्यौहारी आदिवासी बहुत इलाका है,.परिसीमन के बाद ये सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. इसी विधान सभा क्षेत्र में संजय टाइगर रिजर्व बफर जोन आता है.
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