हॉन्ग कॉन्ग में पिछले करीब 3 महीने से प्रदर्शन कर रहे लाखों लोकतंत्र समर्थकों को आतंकवादी बता चीन उनके बर्बर दमन की तैयारी में लगा है। उसने हॉन्ग कॉन्ग की सीमा के नजदीक सैकड़ों बख्तरबंद गाड़ियों और सेना का मार्च कराकर धमकी दी है कि वह 10 मिनट में प्रदर्शनकारियों को निशाना बना सकता है। दूसरी तरफ, पेइचिंग भारत के विशुद्ध आंतरिक मामले कश्मीर पर 'चौधरी' बनने की कोशिश में है और पाकिस्तान के साथ मिलकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इस पर चर्चा की मांग की है। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र में उसे किरकिरी का सामना करना पड़ सकता है। सूत्रों के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र ने हॉन्ग कॉन्ग के मसले को लेकर अहम बैठक बुलाने का फैसला किया है।
हॉन्ग कॉन्ग की दहलीज पर चीन ने खड़ी की आर्मी
हॉन्ग कॉन्ग के लोकतंत्र समर्थकों को डराने के लिए चीन ने उसकी सीमा पर सैकड़ों बख्तरबंद गाड़ियां और हजारों सैनिकों का जमावड़ा कर रखा है। चीनी सेना ने तो प्रदर्शनकारियों को खुली धमकी दे रखी है कि उसे हॉन्ग कॉन्ग पहुंचने में महज 10 मिनट लगेंगे। लोकतंत्र समर्थकों को डराने के लिए चीन ने हॉन्ग कॉन्ग की सीमा से सटे शेनजेन में गुरुवार को हजारों सैनिकों की परेड कराई। वहां एक खेल स्टेडियम में लाल झंडा फहराते हुए सैनिकों ने परेड की।
इलाके में सेना की सैकड़ों बख्तरबंद गाड़ियां भी नजर आ रही हैं। स्टेडियम की पार्किंग सैन्य वाहनों से फुल हो चुकी है। पेइचिंग के सरकारी मीडिया (पीपल्स डेली और ग्लोबल टाइम्स) ने भी चेतावनी देते हुए कहा है कि 10 हफ्तों से चले आ रहे प्रदर्शन को खत्म करने के लिए चीन हस्तक्षेप कर सकता है। यह सीधे-सीधे संभावित सैन्य कार्रवाई की तरफ इशारा है। शेनजेन हॉन्ग कॉन्ग का पड़ोसी शहर है और उसकी करीब 37 किलोमीटर सीमा हॉन्ग कॉन्ग से सटी हुई है।
हॉन्ग कॉन्ग में थियानमेन चौक नरसंहार दोहराएगा चीन?
चीन की इस धमकी ने थियानमेन चौक पर 30 साल पहले चीन द्वारा किए गए बर्बर नरसंहार को दोहराए जाने की चिंताएं बढ़ा दी हैं। तब हजारों लोकतंत्र समर्थकों का चीन ने नरसंहार किया था। 4 जून 1989 को चीन में लोकतंत्र की मांग को लेकर थियानमेन चौक जाने वाली सड़कों पर एकत्र हुए छात्रों और कार्यकर्ताओं पर चीनी सेना ने भीषण बल प्रयोग किया था और आंदोलन को कुचलने के लिए टैंक तक उतार दिए गए थे। इस सैन्य कार्रवाई में अनेक लोग मारे गए थे। चीन में मौजूद ब्रिटेन के एक पत्रकार ने दावा किया था कि इस नरसंहार में 10 हजार से अधिक लोग मारे गए थे।
राजनयिक ने भी दी धमकी, हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठेगा चीन
दूसरी तरफ, ब्रिटेन में चीन के राजदूत लियू जियाओमिंग ने गुरुवार को टीवी पर प्रसारित प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रदर्शनकारियों को धमकी दी कि पेइचिंग हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठेगा। चीनी राजदूत ने कहा कि अगर हॉन्ग कॉन्ग में प्रदर्शन 'बेकाबू' हुए तो चीन हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठेगा। उन्होंने कहा क��� हमारे पास प्रदर्शन को जल्दी से खत्म करने के लिए पर्याप्त हल और पर्याप्त ताकत है।
हॉन्ग कॉन्ग में इतने बड़े प्रदर्शन की वजह?
हॉन्ग कॉन्ग में विवादित प्रत्यर्पण बिल के खिलाफ लाखों लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारी पिछले 10 हफ्तों से सड़कों पर हैं। प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण है लेकिन इससे यह वाणिज्यिक शहर थम सा गया है। हालांकि, पिछले हफ्ते एयरपोर्ट पर प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच कुछ हिंसक झड़पें हुई थीं। हॉन्ग कॉन्ग एयरपोर्ट पर उड़ानें प्रभावित हैं। विवादित प्रत्यर्पण बिल के मुताबिक आपराधिक मामलों में हॉन्ग कॉन्ग के किसी भी निवासी को मुख्य भूमि चीन प्रत्यर्पित किया जा सकेगा। इसके अलावा प्रदर्शनकारियों की मांग है कि चीन हॉन्ग कॉन्ग की स्वायत्ता को कम करने की कोशिश न करे और वहां लोकतंत्र स्थापित करे न कि अपने कठपुतलियों के हाथों सत्ता चलाए।