नई दिल्ली
प्रधानमंत्री की भतीजी से छीना गया पर्स 24 घंटे में और मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट से छीना गया मोबाइल 48 घंटे में ढूंढ लेने वाली दिल्ली पुलिस आम लोगों के साथ हुई बड़ी वारदात को भी कितनी गंभीरता से लेती है, इसका एक और चौंकाने वाला उदाहरण दिल्ली पुलिस के हाई प्रोफाइल नई दिल्ली जिले में सामने आया है। यहां मंदिर मार्ग से सटे उद्यान मार्ग इलाके में कुछ बदमाश दिनदहाड़े एक बुजुर्ग का ध्यान भटका कर उनके 50 हजार रुपयों पर हाथ साफ कर गए, लेकिन एफआईआर दर्ज होने और सीसीटीवी कैमरे में एक आरोपी का चेहरा साफ रिकॉर्ड हो जाने के हफ्ते भर बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं।
यह वारदात जिस शख्स के साथ हुई, वह कभी पीएम आवास और पीएमओ में ड्राइवर की नौकरी करते थे। वे पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी को बिठाकर उनकी गाड़ियां चला चुके हैं। रिटायरमेंट के बाद इन दिनों वह एक छोटी सी दुकान चलाकर अपना जीवन यापन कर रहे हैं।
पुलिस के रवैये से बुजुर्ग मुंशी राम (74) भी खासे निराश हैं। खासतौर से पीएम की भतीजी के साथ हुई वारदात का पता लगने के बाद से वह यही सवाल कर रहे हैं कि आखिर आम लोगों के साथ हुई बड़ी वारदात को भी पुलिस गंभीरता से क्यों नहीं लेती, जबकि वीआईपी लोगों के मामले में पुलिस का पूरा अमला केस को सॉल्व करने में लगा दिया जाता है।
कुर्सी के ऊपर चुइंगम चिपकाकर वारदात
गोल मार्केट इलाके में रहने वाले मुंशी राम 9 अक्टूबर को सेंट्रल स्कूल के पास स्थित लोकल मार्केट में अपनी दुकान पर बैठे थे। दोपहर 1 बजे के करीब दो लड़के वहां आए और उनके आस-पास ही घूमने लगे। मुंशी राम की जेब में करीब 50 हजार रुपये रखे हुए थे। उसी दौरान एक लड़के ने चुपके से उनकी कुर्सी के ऊपर चुइंगम चिपका दी, जो उनकी बनियान पर चिपक गई। एक लड़के ने कहा कि अंकल जी, आपकी बनियान पर कुछ चिपक गया है, आप इसको धो लो।
मुंशी राम ने अपनी जेब से पैसे निकालकर गल्ले में रखे और चंद कदमों की दूरी पर ही एक पब्लिक टॉयलेट चले गए। शौचालय का इंचार्ज बाहर ही खड़ा था। उन्होंने उससे कहा कि दुकान में नजर रखना। इसी बीच एक अन्य लड़का अड्रेस पूछने के बहाने इंचार्ज के पास गया और उसका ध्यान भटकाया। इतनी देर में एक बदमाश दुकान में घुसा और चंद सेकंड्स में ही गल्ले में रखे पैसे उठाकर बाहर निकल आया। इसके बाद तीनों बदमाश स्कूटर पर सवार होकर वहां से निकल लिए।
हफ्ते भर बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं
दुकान पर पहुंचकर जब मुंशी राम को वारदात का पता चला, तो उन्होंने आस-पास पूछताछ की, लेकिन सबकुछ इतनी जल्दी हो गया कि किसी को कुछ पता ही नहीं चला। बाद में उन्होंने दुकान में लगे कैमरे की फुटेज चेक की, तो उसमें चोरी करने वाले लड़के का चेहरा साफ नजर आ गया। उन्होंने फौरन पुलिस को कॉल की। उनके बयान के आधार पर पुलिस ने चोरी का केस तो दर्ज कर लिया, लेकिन हफ्ते भर बाद भी पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर पाई।