पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दाम पर कहा है कि ऐसा अंतरराष्ट्रीय बाजार में आई तेजी से हुआ है। एक न्यूज चैनल से उन्होंने कहा, "जब कोरोना आई तो दुनिया में डिमांड टूट गई। सप्लाई बंद हो गई। छह महीने पहले ओपेक ने वादा किया कि जनवरी में सप्लाई बढ़ा देंगे। इसके विपरीत उसने सप्लाई घटा दिया है। छह -आठ महीने पहले जो प्रोडक्शन लेवल था, उसे भी कम कर दिया। ये डिमांड-सप्लाई का मुद्दा है। इसी के कारण भारत में दाम बढ़े हैं।"
पेट्रोलियम मिनिस्टर ने कहा, "कच्चे तेल की रिफाइनिंग के खर्च के अलावा विकास के काम के लिए पैसों की कमी थी। जनकल्याण और विकास के लिए संसाधन भी चाहिए। इसके कारण सेस लगाया गया। हमने प्रोडक्शन करने वाले देशों से कहा है कि कंज्यूमर देशों के हित की सोचें। इस पर वो कुछ कदम उठाएंगे।"
Myanmar Coup China: म्यांमार में तख्तापलट से उड़ी चीन की नींद, सेना के सत्ता में आने से ड्रैगन को सता रहा बड़ा डर बजट में लगे एग्रीकल्चर सेस पर धर्मेंद्र प्रधान ने कहा , पहली बार ऐसा हुआ है कि सेस एग्रीकल्चर में जाए, क्या सिंचाई नहीं होनी चाहिए, एमएसपी नहीं बढ़नी चाहिए। पहली बार किसानों के हितों में पैसा खर्च हो रहा है। इसके लिए सरकार ने ये स्ट्रेटेजी बनाई है। एमएसपी की लीगल गारंटी पर धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि ये तो सब दिन था। 2012-13 में गेहूं पर यूपीए सरकार ने 33 हजार करोड़ का एमएसपी दिया था जो इस साल एक लाख 75 हजार करोड़ रुपए हो गया है। यही हाल दलहन और धान का है। ये पैसा तो किसानों के खाते में गया न। इसके अलावा किसान सम्मान निधि के तहत करोड़ों किसानों को छह हजार रुपए दिया गया।
फिर किसान आंदोलन क्यों कर रहे हैं, इस सवाल पर पेट्रोलियम मिनिस्टर ने कहा, धान की फसल आंध्र प्रदेश, ओडिसा से भी खरीदी जाती है। गेहूं यूपी से भी आता है। इसलिए ये कहना गलत है कि सिर्फ पंजाब से खरीद रहे हैं।
स्पिनरों को भारत में सफलता के लिए तेजी से गेंदबाजी करना जरूरी नहीं: जैक लीच विपक्ष के चुनावी बजट के आरोप पर धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, 35 हजार करोड़ का वैक्सीन बजट क्या सिर्फ चुनाव वाले राज्यों में जाएगा। 15 हजार स्कूल क्या चुनावी राज्यों में है। प्रजातंत्र में हर साल चुनाव कहीं न कहीं आएगा। इसलिए विपक्ष को पीड़ा क्यों होती है। बंगाल के विकास के बारे में पीएम वहां जाएंगे ये अलग विषय है। हम तो काम कर रहे हैं। हमें एक करोड़ और लोगों को उज्जवला योजना के तहत गैस सिलिंडर देने का काम पीएम ने हमें दिया है। पूर्वोदय योजना के तहत पहली बार गैस पाइपलाइन उन राज्यों में जा रही है जहां पहले नहीं था। इस पर किसी को आपत्ति क्यों होनी चाहिए।