कानपुर: कानपुर मुठभेड़ केस का मुख्य आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे एनकाउंटर में मारा गया. इस खबर की आधिकारिक पुष्टि हो चुकी है. यूपी एसटीएफ की टीम विकास दुबे को लेकर जैसे ही कानपुर पहुंची, वह गाड़ी में सुरक्षाकर्मियों के पिस्टौल छीनने लगा. इसी बीच बैलेंस बिगड़ने के बाद गाड़ी पलट गई. गाड़ी पलटते ही विकास दुबे भागने लगा और पुलिस पर फायरिंग भी की. सुरक्षाकर्मियों ने भी अपने बचाव में गोलियां चलाईं, जिसके बाद विकास दुबे गंभीर रूप से घायल हो गया. सुरक्षाकर्मी उसे लेकर जल्दी अस्पताल पहुंचे. थोड़ी देर बाद डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया.
#Breaking 1st on TIMES NOW | Gangster Vikas Dubey has been killed in an encounter. Official confirmation is still awaited.
— TIMES NOW (@TimesNow) July 10, 2020
TIMES NOW's Bhavatosh, Priyank & Amir with details. pic.twitter.com/6MCTNsPD4U
पुलिस का कहना है कि विकास के पिस्टल छीनने के बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। क्रॉस फायरिंग में विकास दुबे ढेर कर दिया गया। मुठभेड़ के बाद विकास दुबे के शव को कानपुर के हैलट अस्पताल लाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया गया।
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घटना की विस्तार से जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया, 'विकास दुबे को लेकर यूपी एसटीएफ का काफिला जा रहा था. इसी दौरान हादसा हुआ और गाड़ी पलट गई. गाड़ी पलटने के बाद पुलिसकर्मी घायल हो गए. इसके बाद विकास दुबे पुलिस वालों की पिस्टल छीन ली और भागने लगा. भागते हुए उसकने पुलिसकर्मियों पर फायरिंग की. पुलिस ने उसे सरेंडर कराने की कोशिश की, लेकिन वो नहीं माना. इसके बाद पुलिसकर्मियों ने आत्मरक्षा में गोली चलाई और विकास दुबे मारा गया.'
एनकाउंटर में 2 इंस्पेक्टर (एक एसटीएसफ इन्स्पेक्टर) समेत चार पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिन्हें कल्याणपुर सीएचसी में भर्ती किया गया है. सूत्रों ने बताया कि ये एनकाउंटर 7.15 से 7.35 के बीच हुआ. मीडिया समेत तमाम गाड़ियों को 6.40 से 7.30 तक रोका गया था.
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उज्जैन के महाकाल मंदिर से विकास की गिरफ्तारी भी कम रोचक नहीं रही। विकास बकायदा 250 रुपये की पर्ची कटाकर दर्शन के लिए पहुंचा था। एक गार्ड को शक हुआ तो उसने पुलिस को बताया। पुलिस ने किनारे ले जाकर पूछताछ की तो राज खुल गया। हालांकि गिरफ्तारी से पहले विकास मजे से फोटो खिंचवाता नजर आया। यही नहीं, जब विकास पकड़ा गया तो उसके माथे पर जरा भी शिकन नहीं थी। भीड़ को देखकर जोश में आकर चिल्ला पड़ा, 'मैं विकास दुबे हूं, कानपुर वाला।'
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पकड़े जाने से पहले करीब 150 घंटे तक विकास दुबे पुलिस को छकाता रहा। पूरे यूपी में उसकी तलाश जारी थी तो वह भागकर दिल्ली पहुंच गया। यहां से फरीदाबाद गया। वहां के एक होटल में रुका। सीसीटीवी फुटेज में तस्वीरें भी आईं। इस दौरान विकास दुबे पुलिस से एक कदम आगे ही रहा। जैसे उसे लगातार इंफॉर्मेशन मिल रही हो पुलिस मूवमेंट। जब पुलिस का शिकंजा कसना शुरू हुआ तो विकास के किसी न्यूज चैनल में सरेंडर की बात उड़ी। सबको चकमा देकर विकास मध्य प्रदेश के लिए निकल गया।