- भारत के खिलाफ चीन के रिटायर्ड आर्मी अफसर चीन को युद्द की स्थिति में करेंगे सहयोग
- चीन के रिटायर्ड आर्मी अफसर ने दोनों देशों के बीच सशस्त्र संघर्ष की आशंका जताई है
- चीन के रिटायर्ड वायुसेना अफसर ने चीन को भारत की प्रतिक्रिया को नजरअंदाज न करने की सलाह दी
नई दिल्ली
भारत और चीन सीमा विवाद के बीच Hawkish (हॉकिश) चीनी सैन्य रणनीतिकारों ने बीजिंग से भारत के साथ अपने सीमा विवाद में बढोत्तरी को लेकर बेहतर रूप से तैयार रहने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि दोनों परमाणु शक्तियों के बीच सशस्त्र संघर्ष की संभावना बढ़ रही है। दरअसल, लद्दाख और चीनी नियंत्रित अक्साई चीन के बीच गलवान घाटी में 2 सप्ताह पहले चीन और भारत के बीच तनाव बढ़ गया था।
इस झड़प में भारतीय सेना ने कहा कि उसके 20 सैनिक, चीनी सैनिकों के साथ आमने-सामने की लड़ाई में मारे गए। दोनों देशों ने एक-दूसरे पर झड़प और वादों को तोड़ने का आरोप लगाया है।
चीनी सेना के कई रिटायर्ड सदस्य बीजिंग का साथ देने की तैयारी कर रहे हैं। जिसमें भारतीय सेना की घुसपैठ का जवाब देने के लिए गैर-घातक हाई-टेक हथियार जैसे लेजर गन के साथ सीमा पर तैनाती शामिल है।
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चीन के रिटायर्ड आर्मी अफसर दे रहे हैं साथ
चीनी सेना के कई रिटायर्ड सदस्य चीन को युद्ध की स्थिति में सहायता करने की पहल कर रहे हैं। इसके तहत भारतीय सेना द्वारा घुसपैठ का जवाब देने के लिए अपने सीमावर्ती सैनिकों को अधिक शक्ति प्रदान करना है। एक रियाटर्ड वायु सेना के प्रमुख जनरल और सैन्य सिद्धांतकार किओ लिआंग ने कहा कि दोनों देशों के बीच एक सर्व-युद्ध की संभावना कम है, चीन को एक सशस्त्र संघर्ष में वृद्धि के लिए तैयारी करने की आवश्यकता है।
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भारत की प्रतिक्रिया को नजरअंदाज न करे चीन
We Chat अकाउंट पर पोस्ट किए गए एक लेख में, Qiao ने कहा, हमें भारत की प्रतिक्रिया को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, लेकिन हमें अपनी तैयारी पूरी रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर सीमा पर सैन्य संघर्ष बढ़ता है तो चीन को पहल करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें छोटे-छोटे युद्दों के जरिए अपने विरोधियों को दर्द पहुंचाना चाहिए।
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चीन अपने सीमाओं पर निगरानी को बढाए
चीनी नौसैनिक विशेषज्ञ और रिटायर्ड पीएलए नौसेना अधिकारी वांग युनफेई ने कहा कि बीजिंग को सीमावर्ती सैनिकों के सहयोग के लिए सेना बढ़ानी चाहिए। जिससे उन्हें चीनी सरकार की परमिशन के बिना घुसपैठ को रोकने की शक्ति मिल सके। उन्होंने कहा कि हमें सीमा क्षेत्र की निगरानी को मजबूत करना चाहिए और वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत सेना की हर कार्रवाई का तुरंत जवाब देना चाहिए। वांग ने यह रक्षा उद्योगों और प्रौद्योगिकियों पर आधारित एक चीनी पत्रिका ऑर्डनेंस इंडस्ट्री साइंस टेक्नोलॉजी में प्रकाशित लेख में कहा है।
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आंसू गैस के गोलों के साथ सीमा पर तैनात रहे सैनिक
वांग ने यह भी कहा है कि भारतीय सेना ने बार-बार सीमा पार करके चीनी शिविरों, सड़कों और अन्य सैन्य सुविधाओं को नष्ट कर दिया है। यदि ऐसा दोबारा होता है, तो चीनी पक्ष को विरोधी पक्ष की सुविधाओं और उपकरणों को नष्ट करने के लिए और अधिक शक्तिशाली उपायों का उपयोग करना चाहिए । वांग ने यह भी कहा कि चीनी सैनिकों को गैर-घातक हथियारों जैसे आंसू गैस और अचेत हथगोले के साथ सीमा पर तैनात रहना चाहिए।