नई दिल्ली
जीडीपी के मोर्चे पर भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बड़ी खुशखबरी आई है। दिसंबर तिमाही में भारत की जीडीपी में 0.4 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है। इसका सीधा सा मतलब ये है कि भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से मंदी के दौर से बाहर निकल रही है। बता दें अनुमान लगाए जा रहे थे कि दिसंबर तिमाही में भी जीडीपी निगेटिव ही रह सकती है, लेकिन आंकड़ों ने सबको हैरान करने के साथ-साथ सबके चेहरों पर मुस्कान लाने का काम किया है।
जीडीपी के दिसंबर तिमाही के आंकड़े बहुत ही अहम हैं, क्योंकि 2020-21 में जीडीपी में करीब 8 फीसदी गिरावट का अनुमान लगाया जा रहा है। जीडीपी के आंकड़ों का इंतजार इसलिए भी है, क्योंकि इस वित्त वर्ष की जून तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था 23.9 फीसदी गिरी थी। इसकी सबसे बड़ी वजह थी देश भर में लगाया गया सख्त लॉकडाउन, जिसके चलते इकनॉमी पूरी तरह ठप पड़ गई थी।
खट्टर या चौटाला...अविश्वास प्रस्ताव से ज्यादा टेंशन किसे? एक तीर से दो शिकार करने की क्या है कांग्रेस की रणनीति?
अनुमान था कि इस बार मिलेगी खुशखबरी
इसके बाद दूसरी यानी सितंबर तिमाही में अर्थव्यवस्था में 7.5 फीसदी की गिरावट आई। वैसे कई एजेंसियां पहले से ही इस बात की आशंका जता रही थीं कि तीसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था पॉजिटिव रह सकती है। रिजर्व बैंक की तरफ से दिसंबर में जारी 'स्टेट ऑफ द इकोनॉमी' बुलेटिन में भी कहा गया था इकनॉमी के गहरी खाई से बाहर निकलने के संकेत मिल रहे हैं। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने भी 1722 कंपनियों के तिमाही नतीजों के आधार पर कहा था कि इकनॉमी में सुधार हो रहा है।
पहली बार भारत में आई तकनीकी रूप से मंदी!
भारतीय अर्थव्यवस्था कोरोना की वजह से इतिहास में पहली बार तकनीकी रूप से मंदी के दौर में पहुंची। बता दें कि जब कोई अर्थव्यवस्था लगातार दो तिमाही में गिरावट में रहती है तो माना जाता है कि अर्थव्यवस्था तकनीकी रूप से मंदी के दौर में पहुंच चुकी है।