हाइलाइट्स:
- गाजीपुर-गाजियाबाद बॉर्डर पर रात में काटी गई बिजली, बड़ी तादाद में पुलिस फोर्स की तैनाती
- आधी रात को पुलिस के बड़े अधिकारी भी पहुंचे थे किसानों के धरनास्थल पर, बाद में लौट गए
- अचानक पुलिस की सक्रियता से किसान नेता राकेश टिकैत की जल्द गिरफ्तारी की लगने लगीं अटकलें
- टिकैत ने बयान जारी कर कहा है कि सरकार डराना बंद करे, दहशत फैलाने की कोशिश कर रही है पुलिस
नई दिल्ली
गाजीपुर बॉर्डर पर रात में अचानक पुलिस फोर्स बढ़ने और धरना-प्रदर्शन वाली जगह की बिजली काटे जाने के बाद लेट नाइट पुलिस ऐक्शन की आशंका बढ़ गई थी। बड़ी तादाद में पुलिस फोर्स तैनाती के बाद करीब आधी रात को मौके पर गाजियाबाद के बड़े पुलिस और प्रशासनिक अफसर भी पहुंचे थे। हालांकि, वे अब वहां से लौट चुके हैं लेकिन भारी पुलिस बल की तैनाती जारी है।
टिकैत होंगे गिरफ्तार?
धरना स्थल पर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत की मौजूदगी की वजह से इस तरह की अटकलें भी लग रही थीं कि रात में उन्हें गिरफ्तार करने की तैयारी की जा रही है। गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के मामले में टिकैत के खिलाफ भी नामजद एफआईआर दर्ज हुई है। इस वजह से टिकैत समेत एफआईआर में नामजद किसान नेताओं के ऊपर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।
टिकैत बोले- डराना बंद करे सरकार
दूसरी तरफ, राकेश टिकैत ने बिजली काटने जाने की कार्रवाई को डर फैलाने की कोशिश करा दिया है। उन्होंने बयान जारी कर कहा है कि प्रदर्शनकारी किसानों की बिजली काट दी गई है। टिकैत ने कहा कि सरकार को डराना बंद करना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि बड़ी तादाद में पुलिस बल की तैनाती और बिजली काटकर दहशत फैलाने की कोशिश हो रही है।
ट्रैक्टर रैली हिंसा के बाद कमजोर हुआ किसान आंदोलन?
गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा से किसान आंदोलन कमजोर पड़ता दिखाई पड़ रहा है। दो किसान संगठन अब इससे दूरी बना चुके हैं। आंदोलन के भविष्य को लेकर सवाल उठ रहे हैं। हालांकि, टिकैत और संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि किसानों का आंदोलन जारी रहेगा। ट्रैक्टर रैली हिंसा के बाद प्रदर्शनकारी किसानों को पुलिस कार्रवाई की आशंका भी सता र��ी है।
ससे पहले, बुधवार को दिन में राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के प्रमुख वीएम सिंह ने गाजीपुर बॉर्डर पर ऐलान किया कि उनका संगठन मौजूदा किसान आंदोलन से अलग हो रहा है। उनके अलावा भारतीय किसान यूनियन-भानू ने भी खुद को किसान आंदोलन से अलग कर लिया है।