15 साल तक दिल्ली की सीएम रहीं शीला दीक्षित का 20 जुलाई, 2019 को निधन हो गया. वे 81 साल की थी. शीला दीक्षित की शादी उस दौर के बड़े कांग्रेसी नेता रहे हृदय नारायण दीक्षित के बेटे विनोद दीक्षित से हुई थी. 1962 में विनोद ने शीला से लव मैरिज की थी. शीला दीक्षित ने अपनी किताब में एक किस्सा लिखा है कि जब वे शादी के बाद ससुराल गई तो घूंघट में थी और बार-बार झुककर कई महिलाओं के पैर छूने पड़े.
शीला दीक्षित ने अपनी किताब 'सिटीजन दिल्ली: माय टाइम्स, माय लाइफ' में अपनी जीवन से जुड़ी कई बातों का जिक्र किया है. किताब में अपनी शादी के शुरुआती दिनों के बारे में जिक्र करते हुए शीला ने लिखा है कि परिवार की परंपरा के मुतबिक नई बहू को घर के सभी लोगों के लिए खाना बनाना पड़ा था. उनकी शादी के बाद एक दिन घर में मेहमानों की संख्या काफी ज्यादा थी और इसी क्रम में उन्हें एक रात स्टोर रूम में गुजारनी पड़ी थी.
ससुराल की परेशानियों को लेकर पिता को लिखा था पत्र
शीला ने इन परेशानियों का जिक्र करते हुए अपने पिता को पत्र भी लिखा था लेकिन उसी पत्र में उन्होंने यह भी जिक्र किया था कि वे सबकुछ संभाल लेंगी. परेशानी की कोई बात नहीं है. इसके अलावा, अपनी किताब में उन्होंने परिवार के सदस्यों के बारे में भी लिखा है और दादी सास की जमकर तारीफ की है.
शीला दीक्षित ने लिखा है कि विनोद ने मुझसे प्रेम विवाह किया था. जब लोग मेरे प्रेम विवाह की बात करते थे तो वो उन्हें बहुत गर्व से बताया करती थीं, 'पढ़ी लिखी है, दिल्ली की लड़की है, मरांडा से आई है. (शीला दीक्षित ने मिरांडा हाउस से पढ़ाई की थी.)'