भोपाल. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्यमंत्री कमलनाथ (CM Kamal Nath) को मजबूर मुख्यमंत्री बताने वाले कांग्रेस के विधायक (Congress MLA) लक्ष्मण सिंह (Laxman Singh) को उनके ही भाई और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने नसीहत दी है. दिग्विजय सिंह के मुताबिक लक्ष्मण सिंह अनुभवी नेता हैं और सीएम कमलनाथ से उनके नजदीकी संबंध हैं. अगर उन्हें कोई बात कहनी है तो बजाए पब्लिक के सीधे मुख्यमंत्री से करना चाहिए.
दरअसल दिग्विजय सिंह, जो अपने बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहते हैं, के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह भी अब उनकी राह पर चल पड़े हैं. जब से प्रदेश में कांग्रेस सत्ता में आयी है, लक्ष्मण सिंह अपने बयानों के कारण लगातार चर्चा में हैं. दिग्विजय सिंह संघ और बीजेपी के खिलाफ हमला बोलने के कारण चर्चा में रहते हैं, लेकिन लक्ष्मण सिंह अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ हमलावर हैं.
वो बयान जो चर्चा में रहे
लक्ष्मण सिंह ने एक दिन पहले ही सीएम कमलनाथ को नसीहत देते हुए कहा था कि वो मजबूर नहीं मजबूत सीएम बनकर काम करें. लक्ष्मण सिंह इससे पहले भी अपने बयानों से सरकार और कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी करते रहे हैं. कुछ दिन पहले वो चाचौड़ा को जिला बनाए जाने की मांग को लेकर दिग्विजय सिंह के बंगले में धरने पर बैठ गए थे. उससे पहले वो कर्ज माफी न होने पर राहुल गांधी से माफी की मांग कर चुके हैं.
अपनों के खिलाफ ही क्यों करते हैं लक्ष्मण सिंह बयानबाजी
लक्ष्मण सिंह आखिर अपने ही नेताओं और पार्टी के खिलाफ लगातार बयानबाजी क्यों कर रहे हैं, ये सवाल सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना है. जानकारों की मानें तो दरअसल लक्ष्मण सिंह कांग्रेस की सरकार बनने के बाद वरिष्ठता के मामले में मंत्री पद के दावेदार माने जा रहे थे लेकिन उन्हें मंत्री बनाए जाने के बजाए दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्द्धन सिंह को मंत्री बना दिया गया. यही वजह है कि वो बीच-बीच में बयान देकर अपनी पार्टी और कमलनाथ सरकार को असहज करते रहते हैं. झाबुआ उपचुनाव के बाद मध्य प्रदेश में एक बार फिर मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें हैं लिहाजा बयानों के तीर चल रहे हैं.