नई दिल्ली
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के पद को लेकर राजनीति तेज हो गई है। जनरल बिपिन रावत के पहले सीडीएस बनने के बाद कांग्रेस ने 'वैचारिक झुकाव' की वजह से नियुक्ति का आरोप लगाते हुए कार्यक्षेत्र को लेकर सवाल उठाए तो बीजेपी ने पलटवार किया। बीजेपी सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कांग्रेस नेता मनीष तिवारी को घेरते हुए कहा कि आप संस्थानिक विभाजन पैदा करके अपने 'बॉसेज' को खुश करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ठीक नहीं है। इसके साथ ही पूर्व सैन्य कर्मियों की तरफ से भी तिवारी के ट्वीट्स पर प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। रिटायर्ड ब्रिगेडियर और अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल बीडी मिश्रा ने भी सिलसिलेवार ट्वीट कर तिवारी को जवाब दिया है।
राठौड़ ने कहा, अफसोस की बात
राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने एक के बाद एक तीन ट्वीट करते हुए लिखा, 'एक विद्वान वकील और सांसद होने की वजह से मैं मानता हूं कि मनीष तिवारी तथ्य और तर्क पर बहस करेंगे, लेकिन अफसोस यह होना नहीं है। मैं उम्मीद करता हूं कि सीडीएस जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर ट्वीट करने से पहले वह कम से कम प्रेस रिलीज को पढ़ लेते।'दूसरे ट्वीट में राठौड़ ने कहा, 'विभाजन कांग्रेस का पसंदीदा काम है और मनीष तिवारी के विचारों पर उनके बॉसे गर्व करेंगे। तीनों सेना के प्रमुखों, रक्षा सचिव और सीडीएस की भूमिका अच्छी तरह निर्धारित है। किसी को साइडलाइन नहीं किया गया है। कृपया मुद्दे को महत्वहीन बनाने या विभाजन की कोशिश ना करें।'
Being an erudite lawyer and MP I thought @ManishTewari would argue on facts and logic but alas, that is not to be. I hope he had atleast seen the press release before tweeting on an important issue like the institution of the CDS. 1/3 https://t.co/OeodS7EqyH
— Rajyavardhan Rathore (@Ra_THORe) December 31, 2019
राठौड़ ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, 'यदि मनीष तिवारी के ट्वीट कांग्रेस में बेहतर भूमिका के लिए सीवी है, तो वे बेहतरीन हैं, लेकिन यदि ये राष्ट्रीय सुरक्षा के संदर्भ में हैं तो वे भ्रामक और नुकसानदायक हैं। वे औपनिवेशिक मानसिकता को दिखाते हैं और संस्थागत विभाजन की कोशिश की जा रही है, जोकि है नहीं।'
Dividing has been the Congress’ favourite hobby and views of @ManishTewari would make his bosses very proud.The roles of respective Chiefs, Defence Secretary and CDS are well defined. None has been sidestepped or sidelined. Please do not trivialise the issue or try to divide. 2/2 https://t.co/XmP9R7ioOI
— Rajyavardhan Rathore (@Ra_THORe) December 31, 2019
पूर्व ब्रिगेडियर ने भी जताई असहमति
ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) बीडी मिश्रा ने भी मनीष तिवारी से असहमति जाहिर करते हुए ट्वीट किया, '1962 के भारत-चीन युद्ध, 1965 के भारत-पाक युद्ध, 1971 के बांग्लादेश मुक्ति युद्ध, श्रीलंका में पीस कीपिंग फोर्स ऑपरेशन में भाग लेने और दशकों तक सैन्य मामलों के अध्ययन और अनुभव के बाद वैचारिक और पेशेवर आधार पर मैं मनीष तिवारी से असहमत हूं।'
Being a veteran of 1962 SinoIndian War, 1965 IndoPak War,1971 Bangladesh Liberation War and Indian Peace Keeping Force operations in Sri Lanka & my decades of study and experience of Military matters, I, on conceptual and professional plain disagree and differ with @ManishTewari
— Brig. (Dr.) B. D. Mishra (Retd.) (@BrigMishra) December 31, 2019
सभी युद्धों से मिले सबक पर नियुक्ति
ब्रिगेडियर (रिटा.) मिश्रा ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, 'मनीष जी, आप पूर्व केंद्रीय मंत्री हैं। गलत जानकारियों के आधार पर ट्वीट आपको शोभा नहीं देता। सीडीएस की नियुक्ति ऑगर्नाइजेशनल, इंटिग्रेशनल, लॉजिस्टिक्स और ऑपरेशनल मोर्चे पर है।' उन्होंने यह भी कहा कि सभी आधुनिक लोकतांत्रिक देशों में सीडीएस का पद राष्ट्र की शक्ति और राष्ट्रीय हित में बैलेंस बनाने के लिए होता है। भारत द्वारा लड़े गए सभी युद्धों से मिले सबक के आधार सभी भारतीय सैन्य एक्सपर्ट्स सीडीएस नियुक्ति की मांग करते रहे हैं।
After the review of the lessons of all Wars, that Independent India fought, appointment of CDS has been the unanimous demand of Indian Military Experts.
— Brig. (Dr.) B. D. Mishra (Retd.) (@BrigMishra) December 31, 2019
गौरतलब है कि कांग्रेस प्रवक्ता मनीष ति��ारी ने सरकार के कदम को गलत बताते हुए कहा, 'बहुत ही अफसोस और पूरी जिम्मेदारी के साथ कहना चाहता हूं कि सीडीएस के संदर्भ में सरकार ने पहला ही कदम गलत उठाया है। इस निर्णय के दुष्प्रभाव के बारे में समय बताएगा।' लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने तो यह भी कहा है कि सरकार ने निश्चित तौर पर बिपिन रावत के सभी प्रदर्शन और वैचारिक झुकाव को ध्यान में रखकर नियुक्ति की है।
तिवारी ने सवाल किया कि सरकार का यह फैसला परेशानियों और अस्पष्टताओं से क्यों भरा पड़ा है? उन्होंने सीडीएस के कार्यक्षेत्र को लेकर सवाल करते हुए लिखा, 'क्या सरकार को सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों से मिलने वाली सलाह से ऊपर सीडीएस का सुझाव होगा?' तिवारी ने पूछा, 'क्या तीनों सेनाओं के प्रमुख रक्षा सचिव की बजाय अब सीडीएस के माध्यम से रक्षा मंत्री को रिपोर्ट करेंगे?'