सोमवार से दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाक़े में नागरिकता संशोधन अधिनियम के ख़िलाफ़ और समर्थन में प्रदर्शन कर रहे लोगों के बीच हिंसक झड़पें जारी हैं. अब तक हुई हिंसा में दस लोगों की मौत हो गई है. 48 पुलिसकर्मी और तक़रीबन 90 आम लोग घायल हैं. लेकिन इन सबके बीच सोमवार को सामने आए एक वीडियो की चर्चा सबसे ज़्यादा हो रही है.
वीडियो में एक शख़्स दिन-दहाड़े पुलिस वाले पर गोली तान रहा है. इस लड़के के पीछे भीड़ है जो पत्थर फेंक रही है. लड़का लाल शर्ट पहने एक पुलिस वाले पर गोली ताने आगे की ओर बढ़ रहा है. लड़के के साथ भीड़ भी आगे की ओर बढ़ती है, इतने में गोली चलने की आवाज़ आती है.
दिल्ली हिंसा: प्रदर्शकारी ने पुलिसकर्मी पर तान दी पिस्टल, चला दी गोली
द हिंदू के पत्रकार सौरभ त्रिवेदी ने इस वीडियो को ट्विट करते हुए लिखा- ''एंटी- सीएए प्रदर्शनकरी जाफ़राबाद में फ़ायरिंग कर रहे हैं. इस शख़्स ने पुलिस वाले पर गोली तानी लेकिन वह अडिग खड़ा रहा.''
An anti-CAA protester open fire in #Jaffarabad area. He pointed pistol at policeman but the cop stood firm. He fired around eight rounds. @DelhiPolice pic.twitter.com/0EOgkC6D40
— Saurabh Trivedi (@saurabh3vedi) February 24, 2020
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़ इस शख़्स को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. पीटीआई के पत्रकार रवि चौधरी ने इस शख़्स की तस्वीर ली है लेकिन इस तस्वीर के साथ प्रदर्शनकारी का नाम नहीं बताया गया है. वहीं एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक़ इस शख़्स का नाम शाहरूख़ है. बीबीसी ने भी दिल्ली पुलिस से संपर्क किया लेकिन हमें पुलिस की ओर से अब तक कोई जवाब नहीं मिला है. दिल्ली पुलिस ने इस शख़्स को हिरासत में ले लिया है.
इस वीडियो के सामने आने के बाद ट्विटर पर गोली चलाने वाले इस शख़्स को लेकर बहस छिड़ गई. इसे सीएए के पक्ष में प्रदर्शन कर रही भीड़ का हिस्सा बताया गया. साथ ही दावा किया जा रहा है कि इसके पीछे खड़ी भीड़ के हाथों में भगवा झंडे हैं.
दिल्ली में ओखला सीट से विधायक अमानतुल्लाह ख़ान ने एक तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा, ''बीजेपी के लोग दिल्ली में फ़साद करा रहे हैं. गोली चलाने वाले आदमी का रिश्ता ज़रूर कपिल मिश्रा और बीजेपी से निकलेगा तभी ये दिल्ली पुलिस के सामने गोली चला रहा है. फ़सादियों को दिल्ली पुलिस प्रोटेक्शन दे रही है.''
क्या मोहम्मद शाहरूख़ सीएए समर्थक प्रदर्शन का हिस्सा था? और क्या उसके भीड़ के हाथों में भगवा झंडे हैं? बीबीसी ने इन सवालों के जवाब जानने की कोशिश की.
अंग्रेजी अख़बार द हिंदू के पत्रकार सौरभ त्रिवेदी स���मवार को घटनास्थल पर मौजूद थे और उन्होंने इस वीडियो के बारे में बीबीसी को बताया, ''मैं मौजपुर से बाबरपुर की ओर जा रहा था. तभी मुझे पता चला कि जाफ़राबाद और मौजपुर की सीमा के आस-पास वाहनों में आग लगी है, पत्थरबाज़ी जारी है. दोनों ओर से भीड़ आ रही थी. मैं जिस ओर था वहां सीएए के समर्थन में लोग खड़े थे. मेरे सामने जो भीड़ थी वो सीएए के विरोध में प्रदर्शन कर रही थी. उनमें से एक शख़्स आगे आया और उसके हाथ में पिस्टल थी. पीछे से भीड़ पत्थरबाज़ी कर रही थी. उसने पुलिस वाले पर पहले गोली तानी और भागने को कहा लेकिन पुलिस वाला खड़ा रहा. इसके बाद उस लड़के ने लगभग आठ राउंड फ़ायरिंग की.''
सौरभ आगे बताते हैं, ''मेरे पीछे जो भीड़ थी वो जय श्री राम के नारे लगा रही थी. यानी दोनों भीड़ के बीच में एक पुलिस वाला खड़ा था. गोली चलाने वाला लड़का सीएए के विरोध में प्रदर्शन कर रहा था.''
इमेज कॉपीरइटVIDEO/SAURABH TRIVEDI THE HINDU
सौरभ से हमें इस घटना का बेहतर क्वालिटी वाला वीडियो मिला. इस वीडियो को देखने पर हमें पता चला कि भीड़ के हाथों में जिसे लोग भगवा झंडा बता रहे हैं वो दरअसल ठेले पर सब्ज़ी-फल रखने वाले प्लास्टिक के बॉक्स हैं. जिसे प्रदर्शनकारी शील्ड की तरह इस्तेमाल कर रहे थे.
हालांकि तमाम कोशिशों के बाद भी मोहम्मद शाहरूख़ के परिवार से हमारी कोई बात नहीं हो सकी है.