हाइलाइट्स:
- इस्लामिक सहयोग संगठन ने खोली पाकिस्तान के झूठ की पोल
- पाकिस्तान ने ओआईसी की बैठक में कश्मीर को लेकर प्रस्ताव पारित होने का किया था दावा
- ओआईसी ने अपनी बैठक में कश्मीर पर अलग से चर्चा करने से किया साफ इनकार
इस्लामाबाद
कश्मीर मुद्दे को लेकर पाकिस्तान ने खुद एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय बेइज्जती करवा ली है। इस बार इस्लामिक देशों के संगठन इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC)ने कश्मीर को लेकर पाकिस्तान के झूठ की पोल खोल दी है। दरअसल पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने दावा किया था कि शनिवार को नाइजर की राजधानी नीमी में ओआईसी विदेश मंत्रियों की बैठक में कश्मीर को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया गया है।
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पाकिस्तानी झूठ की खुली पोल
पाकिस्तान ने ओआईसी के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में कश्मीर को लेकर पारित किए गए झूठे प्रस्ताव को अपनी जीत करार दिया था। पाकिस्तानी विदेश कार्यालय ने तो इस झूठे प्रस्ताव को लेकर ट्वीट कर जानकारी दी थी। इस ट्वीट में दावा किया गया था कि जम्मू-कश्मीर विवाद को नीमी घोषणा में शामिल करना विदेश मंत्रियों की परिषद रिणाम दस्तावेजों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह कश्मीर को लेकर ओआईसी के समर्थन की महत्वपूर्ण अभिव्यक्ति है।
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ओआईसी ने पाकिस्तानी दावे को किया खारिज
हालांकि, जिस प्रस्ताव को लेकर पाकिस्तान के विदेश मंत्री खुशी से झूम रहे थे, उसे ओआईसी ने खारिज कर दिया। ओआईसी ने कश्मीर को एक अलग आइटम के रूप में इस्लामिक देशों की बैठक में चर्चा करने से साफ इनकार कर दिया। इसके बाद से पाकिस्तान में ही नहीं बल्कि कुरैशी की पूरी दुनिया में झूठ बोलने को लेकर जग हंसाई हुई।
पाकिस्तान की चाल में फंसा ओआईसी
बता दें कि भारत ने जब से जम्मू कश्मीर में अनु्च्छेद 370 को हटाया है, तब से पाकिस्तान की यही मांग थी कि ओआईसी भारत के खिलाफ कड़ा रूख अपनाए। हालांकि उस समय ओआईसी ने तटस्थ रूख अपनाते हुए कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया था। पिछले कुछ बैठकों में पाकिस्तान ने ओआईसी में भारत के खिलाफ कई प्रस्ताव प्रस्तुत किए हैं, लेकिन ओआईसी के बयान बेहद सधे हुए रहे हैं।
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सऊदी किसके साथ, तय नहीं
कहा जाता है कि ओआईसी में सऊदी अरब के बिना कोई भी काम नहीं हो सकता। लेकिन, 5 अगस्त के बाद सऊदी ने कश्मीर को लेकर कोई भी नकारात्मक टिप्पणी नहीं की थी। संयुक्त अरब अमीरात और खाड़ी के कई देशों ने इसे भारत का अंदरूनी मसला बताया था। तब माना जा रहा था कि सऊदी और यूएई ने पाकिस्तान को छोड़ भारत को महत्व दिया है।