अहमदाबाद
अहमदाबाद स्थित अपना आश्रम चलाने के लिए बच्चों को अगवा कर उन्हें श्रद्धालुओं से चंदा जुटाने के काम में लगाने के आरोपों से घिरा स्वयंभू बाबा स्वामी नित्यानंद देश छोड़कर फरार हो चुका है। गुजरात पुलिस ने गुरुवार को यह जानकारी दी है। नित्यानंद के खिलाफ बुधवार को इस मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था।साथ ही बाबा की दो महिला अनुयायियों साध्वी प्राण प्रियानंद और प्रियातत्व रिद्धि किरण को गिरफ्तार भी किया गया था। दोनों पर चार बच्चों को कथित तौर पर अगवा करने और उन्हें एक फ्लैट में बंधक बनाकर रखने का आरोप है।
नित्यानंद को यहां ढूंढना समय की बर्बादी: पुलिस अधीक्षक
अहमदाबाद (ग्रामीण) के पुलिस अधीक्षक एसवी अंसारी ने बताया कि नित्यानंद विदेश भाग गया है और अगर जरूरत पड़ी तो गुजरात पुलिस उचित माध्यम के जरिए उसकी हिरासत हासिल करेगी। नित्यानंद कर्नाटक में अपने खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज होने के बाद ही देश छोड़कर भाग गया था और उसे यहां ढूंढना समय की बर्बादी होगी। उसके भारत आने के बाद हम यकीनन उसको गिरफ्तार करेंगे।
आश्रम से लैपटॉप, टैबलट जब्त
वहीं, पुलिस उपाधीक्षक (अहमदाबाद ग्रामीण) केटी कमरिया ने बताया, 'हमने नित्यानंद के आश्रम में सर्च ऑपरेशन चलाया। वहां से चार लैपटॉप, 43 टैबलट, पेन ड्राइव और कई मोबाइल फोन जब्त किए गए। हम फिलहाल नित्यानंद की तलाश नहीं कर रहे हैं। पहले हम गिरफ्तार की गईं अनुयायियों से पूछताछ करेंगे, सुबूत जुटाएंगे फिर आगे की कार्रवाई की जाएगी।'
गौरतलब है कि बुधवार को पुलिस ने जानकारी दी थी कि योगिनी सर्वज्ञपीठम आश्रम के नौ और 10 साल के दो बच्चों ने हमें बताया कि उन्हें यातना दी जा रही थी और बाल श्रमिक के तौर पर उनसे काम करवाया जा रहा था। शहर के एक फ्लैट में उन्हें 10 से ज्यादा दिनों से बंधक बनाकर रखा गया था। अभिभावकों की ओर से दर्ज कराई गई एक शिकायत के आधार पर आश्रम से मुक्त कराए गए दो अन्य बच्चों ने इसी तरह के आरोप लगाए।
आश्रम के लिए स्कूल की जमीन, सीबीएसई ने मांगी रिपोर्ट
दूसरी ओर, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने अहमदाबाद में नित्यानंद के आश्रम के लिए स्कूल की जमीन बिना अनुमति पट्टे पर देने के मामले में गुजरात शिक्षा विभाग से एक रिपोर्ट मांगी है। सीबीएसई के एक अधिकारी ने बताया, 'बोर्ड ने बिना अनुमति के स्वामी नित्यानंद आश्रम को डीपीएस मणिनगर, अहमदाबाद की भूमि को पट्टे पर देने के मामले में जांच करने के लिए राज्य शिक्षा विभाग को पत्र लिखा है।' अधिकारी ने कहा, 'उसे तेजी से जांच करने के लिए कहा गया है और रिपोर्ट के परिणामों तथा सीबीएसई संबद्धता हासिल करने के लिए राज्य विभाग द्वारा स्कूल को जारी किए गए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) की स्थिति से अवगत कराने को कहा है।'