मुंबई: मुंबई में एक लड़की को मस्जिद के लाउडस्पीकर की आवाज कम करने का अनुरोध भारी पड़ गया. लड़की का आरोप है कि पुलिस ने मस्जिद प्रबंधन को समझाने की बजाय उसे ही नोटिस दे दिया. इस मामले में अब राजनीति होने लगी है.
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सोशल मीडिया पर 24 जून का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. जिसमें एक लड़की के साथ कुछ लोग बहस और झड़प करते दिखाई दे रहे हैं. मानखुर्द इलाके में रहने वाली 25 वर्षीय करिश्मा भोसले ने जब अपने घर के पास की मस्जिद में लगे लाउडस्पीकर में अजान की ऊंची आवाज से परेशान होकर मस्जिद प्रबंधन से आवाज कम करने की गुजारिश की, तो इलाके के कुछ लोग करिश्मा और उनकी मां से बहस कर उन्हें धमकाने और उनके साथ झड़प करने लगे. इतना ही नहीं इसके बाद मानखुर्द पुलिस ने करिश्मा को एक नोटिस भी भेज दिया.
करिश्मा का कहना है कि उसे लगातार धमकाया जा रहा है और वो नहीं जानती कि आखिर पुलिस ने उसे नोटिस क्यों दिया. इसके अलावा मस्जिद प्रबंधन ने लाउडस्पीकर की आवाज अब तक कम भी नहीं की है.
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हालांकि इस मामले में अभी तक मस्जिद प्रबंधन नूरे इलाही सुन्नी वेलफेयर एसोसिएशन ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
करिश्मा भोसले ने ट्विटर पर एक व्हाट्सएप चैट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा है कि जब उन्होंने स्थानीय विधायक अबू आजमी से इस बारे में बात की तो उन्होंने जवाब दिया कि यदि अजान की आवाज से समस्या है तो उन्हें वह जगह छोड़ देनी चाहिए. वहीं, बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने करिश्मा भोसले के परिवार से मुलाकात कर ठाकरे सरकार में पुलिस की भूमिका पर ही सवाल खड़े किए हैं.
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दरअसल ध्वनि प्रदूषण (अधिनियम और नियंत्रण) कानून, 2000 जो पर्यावरण (संरक्षण) कानून, 1986 के तहत आता है, उसके मुताबिक रिहाइशी इलाकों में ध्वनि का स्तर सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक 55 डेसीबल तो रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक 45 डेसीबल तक ही रखा जा सकता है. जबकि ऐसी ही सीमा व्यवसायिक क्षेत्र, औद्घोगिक इलाकों और शांत क्षेत्र (साइलेंस जोन) के लिए भी तय की गई है.
पर्यावरण (संरक्षण) 1986 कानून की धारा 15 के तहत इससे ऊंची आवाज में लाउड स्पीकर बजाना दंडनीय अपराध माना गया है. नियम का उल्लंघन करने पर 5 साल की जेल या एक लाख का जुर्माना या फिर दोनों हो सकते हैं. साथ ही हर दिन के उल्लंघन के पांच हजार रुपये प्रतिदिन की सजा का प्रावधान भी अलग से है. फिर चाहे अपराधी मंदिर हो या मस्जिद.