वॉशिंगटन
अमेरिकी चुनाव में डेमोक्रैटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडन ने कहा है कि अगर वह राष्ट्रपति बनते हैं तो उनका प्रशासन भारत पर आने वाले हर खतरे से मुकाबला करने के लिए नई दिल्ली के साथ खड़ा रहेगा। भारतीय मूल की कमला हैरिस को अपना रनिंग मेट बनाने वाले बाइडन ने भारत और अमेरिका के बीच 'संबंधों' को और मजबूत बनाए जाने का आह्वान किया। उन्होंने H1B वीजा के खिलाफ ऐक्शन लेने के लिए ट्रंप की आलोचना की और वादा किया कि वह राष्ट्रपति बने तो भारतीय समुदाय पर भरोसा करते रहेंगे।
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अमेरिका में 3 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव होने हैं और 77 साल के जो बाइडन वर्तमान राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को चुनौती दे रहे हैं। बाइडन ने भारत के स्वतंत्रता दिवस पर भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा, '15 साल पहले मैं भारत के साथ ऐतिहासिक परमाणु समझौते को स्वीकृति दिलाने के लिए जारी प्रयासों का नेतृत्व कर रहा था। मैंने उस समय कहा था कि अगर भारत और अमेरिका नजदीकी मित्र और भागीदार बन गए तो यह दुनिया एक सुरक्षित स्थान बन जाएगी।'
'सीमा पर आने वाले खतरों के समय खड़ा रहूंगा'
बाइडन ने कहा कि अगर मैं राष्ट्रपति बनता हूं तो मैं आगे भी इसमें विश्वास जारी रखूंगा। साथ ही इलाके में भारत पर उसी के इलाके और सीमा पर आने वाले खतरों के समय खड़ा रहूंगा। उन्होंने कहा कि वह दोनों देशों के बीच दोतरफा व्यापार के विस्तार पर काम करेंगे और जलवायु परिवर्तत तथा वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा जैसे मुद्दों का मिलकर सामना करेंगे।
डेमोक्रैटिक पार्टी के उम्मीदवार ने कहा कि वह दोनों लोकतंत्रों को मजबूत करने का काम करेंगे जहां विविधता समान शक्ति है। उन्होंने कहा कि भारतीय मूल के अमेरिकी लोगों के प्रति उनका पूरा समर्थन जारी रहेगा। मेरे सहयोगी भारतीय हैं, ओबामा प्रशासन ने भी सबसे ज्यादा भारतीयों को अपने प्रशासन में जगह दी और अब मैंने भारतीय मूल की कमला हैरिस को अपना रनिंग मेट चुना है। अगर हम जीतते हैं तो कमला हैरिस पहली भारतीय मूल की उपराष्ट्रपति होंगी।
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'बाइडन को मिलेगा कमला हैरिस को चुनने का लाभ'
विशेषज्ञों का कहना है कि जो बाइडेन को निश्चित रूप से इसका लाभ होगा, क्योंकि कमला अश्वेत हैं और महिला भी। वह सीधे-सीधे, ‘ब्लैक लाइफ मैटर’ को सपोर्ट ना करके कमला हैरिस को सामने ले आए हैं। हालांकि डेमोक्रेटिक पार्टी से जिन पांच महिलाओं के नाम चल रहे थे, उनमें सारी की स��री अश्वेत महिलाएं ही थीं। उनमें से एक महिला ऐसी थी, जो प्रवासी की संतान थी।