बांग्लादेश के ट्री-मैन के नाम से पहचाने जाने वाले अब्दुल बजनदार (Abdul Bajandar) अपने हाथ कटवाना चाहते हैं. उन्होंने सोमवार को दिए गए बयान कहा, "प्लीज, मेरे हाथ काट दो. मैं इस दर्द से छुटकारा चाहता हूं." इसके बाद उनकी पत्नी ने भी उनका समर्थन किया. उनकी पत्नी ने कहा, "हाथ कट जाने से इस नर्क जैसी स्थिति से उबर जाएंगे. कम से कम उन्हें इस भयानक दर्द से निजात मिल जाएगी."
उग गई हैं हाथ और पैर में पेड़ जैसी शाखाएं
ट्री-मैन को पहली बार 10 साल की उम्र से ये संरचनाएं उगनी शुरू हुई थीं. 2016 से अब तक 25 बार अब्दुल बजनदार (Abdul Bajandar) नाम के इस शख्स की सर्जरी हो चुकी है. 2016 में ही उसका ऑपरेशन करके 6 किलो ऐसी संरचना को निकाला गया था, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ, क्योंकि फिर से उसके शरीर पर ऐसी संरचना उग आई हैं.
क्या है ट्री-मैन की बीमारी
अब्दुल बजनदार एपिडर्मोडिस्प्लासिया वेरुसीफोर्मिस नाम की बीमारी से पीड़ित हैं. इस बीमारी को 'ट्री मैन सिंड्रोम' भी कहा जाता है. अभी अब्दुल की उम्र 28 साल है. यह जीन से संबंधित एक बीमारी है, जिसमें असाधारण ढंग की शारीरिक संरचनाओं को त्वचा के साथ विकास होने लगता है.
जेनेटिक एंड रेयर डिसीज इंफॉर्मेशन सेंटर (GARD) के अनुसार इस बीमारी से पीड़ित सभी लोगों की ठीक-ठीक संख्या बताना मुश्किल है, लेकिन अभी तक दुनिया भर में इस बीमारी के 200 से ज्यादा केस दर्ज किए जा चुके हैं. इसी संस्था के अनुसार मरीज को ऐसे में ठीक नहीं किया जा सकता. हालांकि, सर्जरी एक उपाय जरूर है.
पहले कई बार ट्री-मैन करा चुके हैं सर्जरी
खुद बाजंदर ही 2016 से कई बार सर्जरी करा चुके हैं. ऐसा उन्हें तब कराना पड़ा था जब 2016 में उनकी हालत ऐसी हो गई थी कि न वो खाना खा पा रहे थे, न पानी पी पा रहे थे और न ही कोई काम कर पा रहे थे. यहां तक कि वे अपनी छोटी बेटी को गोद भी नहीं ले पा रहे थे.
हालांकि, एक बार सर्जरी के बाद वे अस्पताल से भाग गए थे और उन्होंने पिछले एक साल में पूरे तरह से अपनी दवाएं भी बंद कर दी थीं और अपने डॉक्टर के पास जाना भी बंद कर दिया था. इसके बाद न सिर्फ फिर से पेड़ की छाल जैसी ये संरचनाएं बढ़ने लगीं, बल्कि इस बार उगी संरचनाएं और भी मोटी थीं और वे पैरों तक कई जगहों पर उनके शरीर पर उग आईं.
अबुल अब कराना चाहते हैं पूरा इलाज
अब्दुल बजनदार कहते हैं, मैंने हॉस्पिटल छोड़कर गलती की. मैंने दूसरे तरह के इलाजों का सहारा लिया लेकिन कोई भी फायदा नहीं हुआ. अब मुझे समझ आता है कि मुझे हॉस्पिटल में ही रहना चाहिए था और इलाज को पूरा करना चाहिए था.
अब्दुल बजनदार की प्लास्टिक सर्जरी करने वाले सामांता लाल सेन कहते हैं, 'डॉक्टर जल्द ही अच्छे ढंग से इलाज को शुरू करने वाले हैं, लेकिन उन्हें पूरा इलाज फिर शुरू से करना पड़ेगा.'
अब्दुल बजनदार ने बताया कि पेड़ जैसी संरचना मेरे हाथ पैरों के नए हिस्सों में भी बढ़ने लगी है, मुझे आशा है कि डॉक्टर मेरी बीमारी को इस बार बिल्कुल ठीक कर देंगे. हालांकि, अगर इस बीमारी का सही से इलाज नहीं कराया जाता तो इसके कैंसर में बदलने की संभावना भी रहती है. लेकिन इससे होने वाला दर्द असहनीय है. मैं चाहता हूं कि मेरे हाथ काट दिए जाएं.