बेंगलुरु: यहां एक स्वयंभू बाबा के स्याह साम्राज्य का पता चला है. आयकर विभाग (Income Tax) ने जब उसके आश्रम और ऑफिस पर छापे मारे तो उसकी अकूत संपत्ति ने उनकी आंखें चौंधिया दीं. कर्नाटक के बेंगलुरु में एक कथित आध्यात्मिक गुरु के आश्रम पर मारे गए छापे से करोड़ों रुपए बरामद किए गए हैं. इस कथित गुरु का नाम कल्कि भगवान (Kalki Bhagwan) है. इस बाबा ने अपने साम्राज्य की शुरुआत एक लाइफ इंश्योरेंस क्लर्क के तौर पर की थी. ये खुद को भगवान विष्णु (Lord Vishnu) का 10वां अवतार बताता है. इनकम टैक्स विभाग ने शुक्रवार को बेंगलुरु के आश्रम पर जब छापा मारा गया तो उनकी आंखें फटी की फटी रह गईं. यहां से आईटी विभाग को 93 करोड़ रुपए सिर्फ कैश मिला. इसके अलावा इस बाबा के दूसरे आश्रमों पर मारे गए छापे में 409 करोड़ की अघोषित संपत्ति का पता चला है.
आयकर विभाग के अनुसार, आयकर विभाग ने कल्कि और उसके बेटे कृष्णा के आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में 40 ठिकानों पर छापा मारा. आईटी की रेड एक साथ चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरु, और वरादियापालम (चित्तूर के पास आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु के बॉर्डर पर) में डाली गई.
कल्कि ने अपने समूह की स्थापना एकता के सिद्धांत पर 1980 में की थी. इसके बाद इसने अपने इस समूह का चारों ओर विस्तार किया. इसमें रीयल एस्टेट, कंस्ट्रक्शन और खेल के क्षेत्र में इसने अपनी जड़ें जमाईं. इसके समूह का विस्तार भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी था. ट्रस्टों का समूह दर्शन और आध्यात्मिकता में कल्याणकारी कार्यक्रम और ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाता था. अपने कोर्स के माध्यम से इस समूह ने विदेश में रहने वालों को खूब लुभाया, इस कारण इसके पास विदेशी मुद्रा भी जमकर आई.
आयकर विभाग के अनुसार, ये समूह दी जाने वाली रसीदों में हेराफेरी करता था और पैसों को रियल एस्टेट में लगाता. इसी कारण इसने आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में जमकर जमीन खरीदी. सर्च ऑपरेशन में साफ पता चला कि आश्रम ने लोगों से मिलने वाले डोनेशन को अपने तरीके से दबाया. आश्रम और समूह का स्टाफ अकाउंट बुक के अलावा भी कैश रखता था. इसके अलावा ये प्रॉपर्टी को ऊंचे दाम पर बेचकर काली कमाई कर रहे थे. छापे के दौरान बड़ी मात्रा में विदेाशी मुद्रा मिली है.
इतनी संपत्ति मिली
आयकर विभाग के छापे में 25 लाख अमेरिकी डॉलर (करीब 18 करोड़ रुपए) मिले. 88 किलो सोना और ज्वेलरी बरामद किए गए. इनकी कीमत 26 करोड़ के आसपास बैठती है. 5 करोड़ रुपए के डायमंड इन छापों के दौरान बरामद किए गए. इसके अलावा जांच में इस पूरे ग्रुप की 500 करोड़ की अघोषित कमाई का आकलन किया गया है.
क्लर्क ने ऐसे शुरू किया साम्राज्य
लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन में एक क्लर्क के तौर पर काम करने वाले विजय कुमार ने 1980 के आसपास एक इंस्टीट्यूट खोला, नाम दिया जीवाश्रम स्कूल. इसके अलावा उसने चित्तूर में एक यूनिवर्सिटी भी खोली. 1990 तक आते आते उसने खुद भगवान विष्णु का दसवां अवतार कल्कि घोषित कर दिया. इसके बाद उसकी प्रसद्धि बढ़ती गई. कई बड़ी हस्तियां और फिल्मी सितारे उसके फॉलोअर्स बन गए. उसने अपने ट्रस्ट में अपनी पत्नी पद्मावती और बेटे एनकेवी कृष्णा को साझीदार बनाया.