मध्य प्रदेश विधानसभा में कमलनाथ सरकार ने बीजेपी की सरकार गिराने की धमकी का आज ही जवाब दे दिया. दंड विधि संशोधन विधेयक पर मत विभाजन में बीजेपी के दो विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर कांग्रेस के पक्ष में वोट डाला. बाद में मीडिया के सामने कहा कि हम घर लौट आए हैं. विधेयक के पक्ष में 122 वोट पड़े.
BJP के इन विधायकों ने दिया कांग्रेस का साथ
बीजेपी के दो विधायक नारायण त्रिपाठी और शरद कोल कांग्रेस के साथ आ गए हैं. प्रदेश विधानसभा में आज तेज़ी से घटनाक्रम बदला. सदन में दंड विधि संशोधन विधेयक पर बहस हो रही थी. BSP विधायक संजीव सिंह इस पर वोटिंग की मांग पर अड़ गए. विधानसभा में पक्ष और विपक्ष में तीखी बहस होने लगी. विपक्ष ने कहा, विधेयक सर्वसम्मत्ति से पास कराया जाए. लेकिन सत्तापक्ष वोटिंग के जरिये सदन में बहुमत साबित करने पर अड़ा रहा. इस बीच बीजेपी विधायकों में टूट की खबर आयी. खबर थी कि बीजेपी के दो विधायक शरद कोल और नारायण त्रिपाठी कांग्रेस के पक्ष में वोटिंग कर सकते हैं.
दरअसल बहुमत दिखाने के लिए सत्ता पक्ष डिवीजन पर अड़ गया. बीजेपी नेताओं के अल्पमत सरकार होने के बयानों के जवाब में कॉन्ग्रेस डिवीजन के जरिए विपक्ष जवाब देना चाहता था.
सुबह नेता प्रतिपक्ष ने दी थी धमकी
बुधवार सुबह ही नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने विधानसभा में धमकी दी थी कि बस हमें नंबर 1 और 2 के इशारे का इंतज़ार है. इजाज़त मिलते ही कमलनाथ सरकार को गिराने में 24 घंटे भी नहीं लगेंगे. इस पर सीएम कमलनाथ ने उन्हें अविश्वास प्रस्ताव लाने की चुनौती दी थी. साथ ही कहा था कि हमारी सरकार 5 साल डटकर चलेगी. शाम होते-होते कमलनाथ ने अपनी बात साबित भी कर दी.
CM कमलनाथ का बयान
इस बड़ी कूटनीतिक जीत के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, ये सिर्फ एक विधेयक पर मतदान नहीं था बल्कि बहुमत साबित करने के लिए मतदान था. उन्होंने कहा-दूध का दूध, पानी का पानी हो गया.हमारी सरकार पूर्ण बहुमत की सरकार है, अल्पमत की सरकार नहीं.शरद कोल और नारायण त्रिपाठी ने हमारा साथ दिया.