जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 में भारत सरकार ने बदलाव किया तो पाकिस्तान बेगानी शादी का अब्दुल्ला दीवाना बन गया। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सामने गुहार लगाने पहुंच गया। उसने अमेरिका, चीन, रूस, ब्रिटेन और फ्रांस से भी मिन्नतें कीं। जब कहीं सुनवाई नहीं हुई तो भारत के साथ व्यापारिक संबंध और राजनयिक संबंध खत्म कर लिए। पाकिस्तान ने दोनों देशों के बीच चलने वाली 'समझौता एक्सप्रेस' और 'थार एक्सप्रेस' को भी रोक दिया। ट्रेन रुकने से दोनों देशों के नागरिकों को तकलीफ जरूर हुई, लेकिन इसके लिए पाकिस्तान ही जिम्मेदार है। लेकिन व्यापारिक संबंध तोड़ने से नुकसान केवल पाकिस्तान को ही होगा। आइए जानते हैं कि दोनों देशों के बीच कारोबार पूरी तरह खत्म हो जाने के बाद पाकिस्तान को कितना नुकसान होगा?
भारत और पाकिस्तान के बीच 2018-19 में केवल 2.56 अरब डॉलर का व्यापार हुआ था जो दुनिया के साथ भारत के कुल कारोबार का मात्र 0.30 फीसदी है। आपको जानकर हैरत होगी कि दोनों देशों के बीच 2015-16 के बाद से कारोबार में कमी आ रही थी। भारत के विभिन्न व्यापारिक परिसंघों की एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2003 से लेकर 2019 तक भारत और पाकिस्तान के बीच 31.23 अरब डॉलर का कारोबार हुआ। 2018-19 में भारत ने पाकिस्तान को 2.06 अरब डॉलर का सामान निर्यात किया, जबकि भारत ने पाकिस्तान से सिर्फ 0.49 अरब डॉलर का सामान खरीदा। इस तरह पाकिस्तान भारत से आने वाले सामान पर ज्यादा निर्भर रहता है।