हाइलाइट्स:
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना तीसरा बजट पेश करते हुए स्वास्थ्य बजट को दोगुने से भी ज्यादा करने का ऐलान किया
- कोरोना के कारण स्वास्थ्य चुनौतियों से सबक लेते हुए भारत सरकार ने उठाया बड़ा कदम
- वित्त मंत्री को जॉब क्रिएशन से लेकर इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्चे बढ़ाने के प्रावधान करने होंगे
नई दिल्ली
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने तीसरे बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र को बड़ा तोहफा दिया है। उन्होंने हेल्थ बजट में 137% के इजाफे की घोषणा (Announcement of 137% increament in Health Budget) की है। कोविड-19 महामारी से बदहाल भारतीय अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए बजट में और क्या-क्या प्रावधान किए हैं? यह आज का सबसे बड़ा सवाल है। कोविड ने भारत ही नहीं, दुनियाभर की इकॉनमी पर गड्ढे में धकेल दिया है। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाएं भारत के प्रति बहुत आशावान हैं। उनका अनुमान है कि भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेज गति से रिकवर करेगी। स्वाभाविक है कि इस अपेक्षा पर खरा उतरने के लिए भारत सरकार के विजन की दरकार होगी जिसकी एक झलक आज के बजट में दिख जाएगी। हम यहां आपको बजट की प्रमुख घोषणाओं से अवगत करवाते रहेंगे...
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रेलवे के लिए 1.10 लाख करोड़ का प्रावधान
नेशल रेल प्लान 2030 तैयार है। फ्यूचर रेडी रेल सिस्टम बनाना लक्ष्य है। मेक इन इंडिया पर फोकस है। वेस्टर्न और ईस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर जून, 2022 तक तैयार हो जाएगा। सोन नगर - गोमो सेक्शन पीपीपी मोड पर बनेगा। ईस्ट कोस्ट कॉरिडोर खड़गपुर-विजयवाड़ा, इटारसी-विजयवाड़ा कॉरिडोर बनाया जाएगा। ब्रॉड गेज - इलेक्ट्रिफाइड रेल लाइन की लंबाई 46 हजार किलोमीटर है। दिसंबर, 2023 तक 100 परसेंट इलेक्ट्रिफिकेशन होगा। एलएचबी कोच टूरिस्ट रूट पर दिया जाएगा। ये आरामदायक है। हाई डेंसिटी नेटवर्क में स्वदेशी तकनीक से बना रेल प्रोटेक्शन सिस्टम लगाया जाएगा। एक लाख 10 हजार करोड़ रुपए रेलवे के लिए प्रावधान किया गया है।
रेल-रोड कॉरिडोर्स पर बंपर खर्च
देश में डेवलपमेंट फाइनेंसियल इंस्टीट्यूट बनाया जाएगा। रेलवे डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, एनएचएआई के टोल रोड, एयरपोर्ट जैसे संसाधनों को असेट मोनेटाइजेशन मैनेजमेंट के दायरे में लाया जाएगा। समर्पित मालवाही गलियारा DFCC, कमीशनिंग के बाद बेचा जाएगा, ऑपरेशन ऐंड मेंटनेंस के साथ। हमने पिछले बजट में 4.21 लाख करोड़ कैपिटल एक्सपेंडीचर के लिए दिए थे। 4.39 लाख करोड़ रुपए खर्च होंगे। अगले साल 5.54 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान है। भारतमाला प्रॉजेक्ट के तहत 3 हजार किलोमीटर से ज्यादा लंबी सड़कें बन चुकी हैं। 8 हजार किलोमीटर का कॉन्ट्रैक्ट मार्च तक दिया जाएगा।
रोड इन्फ्रा और इकॉनमिक कॉरिडोर पर काम हो रहा है। 3500 किलोमीटर लंबी सड़क तमिलनाडु में बन रही है। मदुरई-कोल्लम कॉरिडोर शामिल है। 1100 किलोमीटर लंबी नैशनल हाइवे वर्क्स केरल में। इस पर 65 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। मुंबई-कन्याकुमारी कॉरिडोर इसका हिस्सा होगा। 6500 किलोमीटर हाईवे बंगाल में। इस पर 25 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसमें कोलकाता-सिल्लीगुड़ी रोड का रिपेयर शामिल है। एक लाख 18 हजार करोड़ रुपए रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री के लिए दिया जाएगा।
प्रॉडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव स्कीम
पांच खरब डॉलर की इकॉनमी बनने के लिए मैन्युफैक्चरिंग पर फोकस जरूरी है। ग्लोबल सप्लाई चेन में शामिल करना हमारा लक्ष्य है जिससे ग्लोबल चैंपियन बन सकें। सरकार ने इसके लिए 1.5 लाख करोड़ रुपए का ऐलान किया था।
137% बढ़ा हेल्थ बजट
35 हजार करोड़ कोविड वैक्सीन के लिए आवंटित किया गया है। जरूरत हुई तो और फंड दिया जाएगा। कुल हेल्थ बजट 2 लाख 32 हजार करोड़ रुपए का होगा। पिछली बार 92 हजार करोड़ का था। 137% की बढ़ोतरी के साथ वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 2,32,846 करोड़ रुपये का स्वास्थ्य बजट।
वायु प्रदूषण से छुटकारे के उपाय
पुरानी कारों को स्क्रैप किया जाएगा। इससे प्रदूषण कंट्रोल होगा। तेल आयात बिल भी घटेगा। ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर बनाए जाएंगे। प्राइवेट वीइकल्स 20 साल बाद इन सेंटर ले जाने होंगे।
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पोषण अभियान- मिशन पोषण 2.0
पोषण पर फोकस किया जाएगा। 112 आकांक्षी जिलों में इस पर खास ध्यान दिया जाएगा। जल जीवन मिशन (अर्बन) लॉन्च किया जाएगा। सभी शहरी निकायों के साथ इस पर काम होगा। 500 अमृत शहरों में सैनिटाइजेशन पर काम होगा। 2 लाख 80 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। स्वच्छ भारत का संकल्प जारी है। शहरी स्वच्छ भारत मिशन 2.0 पर एक लाख 41 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। अगले पांच साल में।
आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत का ऐलान
वित्त मंत्री ने आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना का ऐलान किया। उन्होंने इस योजना के लिए अगले छह सालों का बजट 64,180 करोड़ निर्धारित किया। सीतारमण ने कहा कि यह बजट राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National Health Mission) के अतिरिक्त होगा। इसके तहत गांव से लेकर शहरों तक स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ावा दिया जाएगा।
उन्होंने कहा, "प्रिवेंटिव, क्यूरेटिव और वेल बीइंग पर फोकस होगा। प्राइमरी से लेकर उच्च स्तर तक की स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च करेंगे। नई बीमारियों पर फोकस होगा। 75 हजार ग्रामीण हेल्थ सेंटर, सभी जिलों में जांच केंद्र, क्रिटिकल केयर हॉस्पीटल ब्लॉक 602 जिलों में, नैशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल, इंटिग्रेटेड हेल्थ इन्फो पोर्टल को मजबूत बनाया जाएगा। 17 नए पब्लिक हेल्थ यूनिट को चालू किया जाएगा। 32 एयरपोर्ट पर भी ये बनेंगे। नेशनल इंस्टीट्यूशन ऑफ वर्ल्ड हेल्थ बनेगा। 9 बायो लैब बनेगा। चार नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरॉलजी बनेगा।"
बजट के पहले भाग में आत्मनिर्भर भारत का विजन
इस दशक का पहला डिजिटल बजट है। अब तक सिर्फ तीन बार बजट में बताया गया कि अर्थव्यवस्था मंदी की तरफ है। इस बार ऐसा ग्लोबल महामारी के कारण हुआ है। लेकिन मैं विश्वस्त हूं। हम इकॉनमी रिसेट के लिए हर संभव कोशिश करेंगे। सतत विकास की तरफ ले जाने की कोशिश है। आजादी का 75वां साल है, भारत - पाक जंग का 50वां साल, ब्रिक्स की अध्यक्षता भारत करेगा और हरिद्वार महाकुंभ शुरू हो रहा है। बजट के पहले भाग में आत्मनिर्भर भारत का विजन पेश किया जा रहा है।
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बजट से पहले सदन में हल्की नारेबाजी
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बजट पेश करने की अनुमति दी। हालांकि, सदन में विपक्षी सांसदों ने नारे लगाने शुरू कर दिए। स्पीकर ने नारे लगा रहे सांसदों को बजट के बाद अपनी बात रखने का आश्वासन दिया। उसके बाद वित्त मंत्री सीतारमण ने बजट पढ़ना शुरू कर दिया। उन्होंने बजट भाषण की शुरुआत कोविड-19 महामारी की चुनौतियों का जिक्र किया।
पहले पेपरलेस बजट को मिला राष्ट्रपति का अनुमोदन
इस बार का बजट इस मायने में खास है कि यह देश का पहला पूर्णतः कागजरहित बजट (Paperless Budget) है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बार बजट पत्र की जगह टैब का इस्तेमाल करने जा रही हैं। उन्होंने संसद में बजट पेश करने से पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। उनके साथ वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर और वित्त मंत्रालय के अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। प्रक्रिया के तहत राष्ट्रपति ने बजट को अपना अनुमोदन दे दिया है। 11 बजे से संसद में बजट प्रावधानों को पढ़ने की शुरुआत हो जाएगी।