नई दिल्ली. घरेलू मैन्युफैक्चरिंग (Domestic Industry) को बूस्ट देने और नॉन-एसेंशियल आइटम्स (Non-Essential Items) के शिपमेंट्स को कम करने के लिए सरकार फर्नीचर के इम्पोर्ट्स पर रोक लगा सकती है. एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी. अगर मोदी सरकार ये फैसला करती है तो चीन समेत 4 देशों को तगड़ा झटका लग सकता है. दरअसल, डिपार्टमेंट फॉर प्रोमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटर्नल ट्रेड ( Department for Promotion of Industry and Internal Trade) ने सरकार को फर्नीचर का इम्पोर्ट रोकने का सुझाव दिया है. एक अधिकारी ने कहा, विदेश व्यापार महानिदेशालय के इस बारे में एक अधिसूचना के साथ आने की उम्मीद है.
एक अधिकारी ने कहा, विदेश व्यापार महानिदेशालय के ही इस बारे में एक अधिसूचना के साथ आने की उम्मीद है. फर्नीचर के इम्पोर्ट पर रोक लगाने का मतलब है कि इम्पोर्टर्स को इनबाउंड शिपमेंट के लिए लाइसेंस या अनुमति लेने की आवश्यकता होगी.
चीन दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक
वित्त वर्ष 2018-19 में भारत का फर्नीचर इम्पोर्ट 4,221 करोड़ रुपये (60.3 करोड़ डॉलर) रहा था. इसमें से सिर्फ चीन से इम्पोर्ट 2,177 करोड़ रुपये (31.1 करोड़ डॉलर) का रहा. चीन के अलावा भारत में इम्पोर्ट करने वाले देशों में मलेशिया, जर्मनी, इटली और सिंगापुर हैं. चीन दुनिया में विभिन्न प्रकार के फर्नीचर का सबसे बड़ा निर्यातक है.
अनुमान के मुताबिक, भारत को चीन का निर्यात करीब 7,000 करोड़ रुपये (100 करोड़ डॉलर) का था. इस सेक्टर में भारत की स्थिति कमजोर है क्योंकि यह सेक्टर खंडित है और असंगठित क्षेत्र में है. घरेलू फर्नीचर उद्योग का आकार करीब 35,000 करोड़ रुपये (5 अरब डॉलर) है. निर्यात करीब 10,500 करोड़ रुपये (150 करोड़ डॉलर) था.
इस महीने की शुरुआत में सरकार ने रिफाइंड पाम ऑयल के आयात पर इसी तरह का प्रतिबंध लगाया था. इस कदम से मलेशिया का कमोडिटीज शिपमेंट हतोत्साहित होगा.