हाइलाइट्स:
- ओएलएक्स पर एक महिला को फर्नीचर खरीदने के बहाने जालसाजों ने 75 हजार रुपये की चपत लगा दी
- गाजियाबाद के कविनगर में रहने वाली दीप्ति ने इस मामले में स्थानीय पुलिस थाने में शिकायत की
- सीओ साइबर सेल अभय कुमार मिश्रा ने बताया, ओएलएक्स पर ठगी के मामले में पुलिस कार्रवाई कर रही है
गाजियाबाद
ओएलएक्स पर एक महिला को फर्नीचर खरीदने के बहाने जालसाजों ने 75 हजार रुपये की चपत लगा दी। यूपी में गाजियाबाद के कविनगर में रहने वाली दीप्ति ने इस मामले में स्थानीय पुलिस थाने में शिकायत की है। इसके बाद मुकदमा दर्ज कर पुलिस जांच में जुट गई है। सीओ साइबर सेल अभय कुमार मिश्रा ने बताया कि ओएलएक्स पर ठगी के मामले में पुलिस कार्रवाई कर रही है। इसके अलावा लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है।
पीड़िता ने शिकायत में बताया कि उन्होंने घर के कुछ फर्नीचर को बेचने के लिए ओएलएक्स पर एक विज्ञापन डाला था। उनके पास 23 दिसंबर को श्रवण नाम के व्यक्ति की कॉल आई। उसने फर्नीचर खरीदने की बात कही। उसने कहा कि वह पेमेंट ऑनलाइन करेगा, इसके बाद सामान ले जाएगा।
मरे हुए एलियंस का घर हो सकती है आकाश गंगा, अपने ही विज्ञान के शिकार हो गए परग्रही: शोध
इसके बाद श्रवण ने उनसे पेटीएम डीटेल मांगी। पेटीएम डीटेल मिलने के बाद उसने ट्रायल के रूप में 5 रुपये पेटीएम से भेजे। उनके पास 5 रुपये के ट्रांजेक्शन का नोटिफिकेशन आया, उन्होंने चेक किया तो 5 रुपये उनके खाते में आ चुके थे। इस पर उसने कहा कि अब वह बाकी पैसे भेजेगा।
बाद में आए लिंक में कटते गए रुपये
पीड़िता के अनुसार, 5 रुपये आने के बाद उनके पास 3-4 बार नोटिफिकेशन आया जिसमें अलग-अलग अमाउंट का जिक्र था। उन्होंने उस पर क्लिक किया तो उनके खाते से 30 हजार रुपये निकल गए। इसके बाद उन्होंने श्रवण को कॉल किया और बताया कि उनके खाते से रुपये कट गए हैं। इस पर उसने कहा कि वह ट्रांजेक्शन रिक्वेस्ट भेज रहा है, उस पर क्लिक करने के बाद 30 हजार रुपये वापस मिल जाएंगे।
कुछ सेकंड में उनके फोन पर 30 हजार रुपये का एक नोटिफिकेशन आया। उन्होंने उस पर क्लिक करके आगे का प्रोसेस किया तो खाते से फिर 30 हजार रुपये कट गए। उन्होंने जब फिर उसको कॉल किया तो उसने कहा कि इस बार वह 15 हजार रुपये करके लौटाएगा। उसने इस बार 15 हजार रुपये का ट्रांजेक्शन मेसेज भेजा, जिस पर क्लिक करते ही उनके खाते से 15 हजार रुपये निकल गए। इस तरह उनके अकाउंट से 75 हजार रुपये निकल गए।
सीओ साइबर सेल अभय कुमार मिश्रा ने बताया कि ठग कुछ रुपये भेज कर पहले लोगों का विश्वास जीतते हैं। इसके बाद लिंक भेजकर अकाउंट से पैसे निकाल लेते हैं। लोगों को ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते वक्त काफी ध्यान रखना चाहिए। उन्हें एक-एक मेसेज ठीक से पढ़ना चाहिए।
...ताकि आप न खाएं धोखा
इस मामले में जालसाज ने पीड़िता को पहले 5 रुपये सेंड किए, पीड़िता को विश्वास हो गया। इसके बाद ठग ने पेटीएम पर जाकर पीड़िता का नंबर डाला और रुपये सेंड की जगह मनी रिक्वेस्ट का ऑप्शन चुना और एक राशि टाइप करके भेज दिया।
इससे पीड़िता के मोबाइल पर नोटिफिकेशन आया, पीड़िता ने जल्दबाजी में इस बात पर ध्यान नहीं दिया कि यह मनी रिसीव होने का नहीं बल्कि मनी रिक्वेस्ट का नोटिफिकेशन है और इस पर क्लिक करने के बाद पासवर्ड डालते ही खाते से रुपये कट जाएंगे। पीड़िता को मेसेज से 30 हजार रुपये कटने का पता चला, उसने ठग से संपर्क किया तो उसने फिर एक बार वही ट्रिक अपनाई और इस बार 30 हजार रुपये की रिक्वेस्ट भेजी।
मेसेज को ध्यान से पढ़ें
वहीं दूसरी ओर पीड़िता ने एक बार फिर जल्दबाजी में सिर्फ अमाउंट पर ध्यान दिया और बाकी मेसेज को नजरअंदाज करते हुए उस पर क्लिक करके अपना पिन डाल दिया। ऐसे में फिर उसके खाते से 30 हजार रुपये निकल गए।
यहां आपको यह समझना होगा कि पेटीएम, फोनपे औक अन्य दूसरे यूपीआई ऐप पर सेंड मनी और रिक्वेस्ट मनी का विकल्प आता है। रिक्वेस्ट मनी में हम किसी शख्स का नंबर डालकर जितने भी अमाउंट की जरूरत होती है उसे डालते हैं। इससे उसके पास एक नोटिफिकेशन जाता है, जिसमें अमाउंट का जिक्र होता है। उस पर क्लिक करने के बाद पिन डालने का ऑप्शन आता है। पिन डालते ही वह ट्रांजेक्शन हो जाता है।
लिंक पर क्लिक करके भुगतान करने से बचें
अगर आप इस तरह की ठगी से बचना चाहते हैं तो यूपीआई से जुड़े किसी भी ट्रांजेक्शन को करने के दौरान मेसेज का एक-एक लाइन जरूर पढ़ें। अगर आपके पास पैसे आने हैं और मेसेज रिक्वेस्ट मनी का आया है तो उसे एक्सेप्ट करने की जगह डिक्लाइन या रिजेक्ट करें। इस तरह के ट्रांजेक्शन कॉल पर रहने के दौरान न करें।
ठग अक्सर लोगों के दिमाग को डायवर्ट करने के लिए इस तरह के ट्रांजेक्शन कॉल के दौरान कराते हैं ताकि जल्दबाजी और दूसरी बातों में उलझकर आप पूरा मेसेज न पढ़ पाएं। अगर आपको पेमेंट करनी है तो लिंक पर क्लिक करके भुगतान करने से बचें।
जिसे भी पैसा भेजना है उसका अकाउंट नंबर, नाम, बैंक का नाम व ब्रांच, आईएफएससी कोड आदि मंगा लें। कंपनी को भुगतान करना है तो कंपनी का अकाउंट करंट होना चाहिए। अगर कोई सेविंग अकाउंट भेजकर कंपनी को पेमेंट करने की बात कह रहा है तो वह ठगी कर रहा है।