टाटा संस से चार साल की लंबी लड़ाई लड़ने के बाद एक बार फिर से चेयरमैन बनने वाले साइरस मिस्त्री कारोबारी जगत में कोई छोटा नाम नहीं है। 2011 में जब साइरस मिस्त्री को रतन टाटा के उत्तराधिकारी के तौर पर चुना गया, उसके पहले से वो प्रमुख कारोबारी समूह शापूरजी पालोंजी मिस्त्री कंपनी से जुड़े थे। 4 जुलाई 1968 को मुंबई में जन्में साइरस को करीब दो दशकों का अनुभव है। उनके पिता पालोंजी मिस्त्री भी बहुत बड़े बिजनेस टायकून हैं।
70900 करोड़ से ज्यादा की नेटवर्थ
2018 में साइरस मिस्त्री की व्यक्तिगत नेटवर्थ 70,957 करोड़ रुपये थी। साइरस के पास निर्माण से लेकर मनोरंजन, बिजली तथा वित्तीय कारोबार का दो दशकों से अधिक का अनुभव है। शापूरजी पालोंजी मिस्त्री कंपनी ने मध्य एशिया और अफ्रीका में कंस्ट्रक्शन के अलावा पावर प्लांट और फैक्टरी बनाने के बड़े इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट पूरे किए। वह टाटा ग्रुप के छठे चेयरमैन थे और टाटा समूह के इतिहास में दूसरी बार किसी गैर-टाटा सरनेम वाले व्यक्ति को कंपनी का चेयरमैन बनाया गया था। 24 अक्टूबर, 2016 को टाटा संस कंपनी ने उन्हें चेयरमैन के पद से हटाने के पक्ष में वोट दिया जिसके बाद पूर्व चेयरमैन रतन टाटा अंतरिम चेयरमैन के तौर पर लौटे। टाटा संस के सबसे बड़े हिस्सेदार शापूरजी पलोनजी के प्रतिनिधि के तौर पर उन्हें अध्यक्ष बनाया गया था।
विपरित परिस्थितियों में बने थे चेयरमैन
तामझाम से दूर रहने वाले एकांतप्रिय मिस्त्री इस ग्रुप का दायित्व संभालने वाले गैर-टाटा परिवार के दूसरे व्यक्ति थे। इससे पहले 1932 में नौरोजी सकलतवाला ही ऐसे अध्यक्ष बने थे। मिस्त्री ने जब कार्यभार संभाला था तो समूह की कई कंपनियां विपरीत परिस्थितियों के दौर से गुजर रही थीं। मिस्त्री को घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय बाजार में कई चुनौतियों से जूझना पड़ा था। लिहाजा उन्होंने विनिवेश की रणनीति अपनाई। सूत्रों का कहना है कि मिस्त्री को बर्खास्त करने का फैसला टाटा ट्रस्ट की सलाह पर किया गया है।
इन कारणों से हुआ था विवाद
2011 में रतन टाटा की जगह चुने गए मिस्त्री को पद संभालते ही कई चुनौतीपूर्ण हालात से गुजरना पड़ा। लगातार बढ़ते घाटे के कारण उन्हें टाटा स्टील यूके बेचने का फैसला करना पड़ा। टाटा ग्रुप को जापानी डोकोमो कंपनी के साथ साझा टेलीकॉम उपक्रम के विवाद और कानूनी लड़ाई से भी जूझना पड़ा। एक इन-हाउस पत्रिका को दिए इंटरव्यू में मिस्त्री ने कहा था, ‘ग्रुप को सही कारणों से कड़े फैसले लेने से घबराना नहीं चाहिए। ग्रुप के कुछ कारोबार की चुनौतीपूर्ण स्थितियों से निपटने के लिए कड़े फैसले लेने की जरूरत है।’
साइरस के पास है आयरलैंड की नागरिकता
मिस्त्री के पास आयरलैंड की नागरिकता है और वह भारत के स्थायी नागरिक हैं। उनकी मां आयरलैंड में पैदा हुई थी, जिसके चलते उन्हें वहां की नागरिकता मिली है। उनकी मां के भाई भारत की एक बड़ी शिपिंग कंपनी के प्रमुख हैं। साइरस मिस्त्री ने 1992 में देश के विख्यात वकीलों में शामिल इकबाल चागला की बेटी रोहिका चागला से शादी की। उनके दो बच्चे हैं जो मुंबई में पढ़ाई कर रहे हैं। साइरस मिस्त्री टाटा परिवार के काफी करीब रहे हैं। उनकी एक बहन की शादी रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा से हुई है। स्कूली पढ़ाई मुंबई के कैथेड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल से की। इसके बाद उच्च शिक्षा के लिए वे इंग्लैंड चले गए, जहां उन्होंने लंदन के इंपीरियल कॉलेज से इंजीनियरिंग में डिग्री ली और लंदन बिजनेस स्कूल से मैनेजमेंट में मास्टर्स डिग्री ली।
चेयरमैन से हटाने के बाद पत्नी को किया था पहला मैसेज
टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री को जिस दिन हटाया गया उस दिन से जुड़ी कुछ बातें सामने आई हैं। 24 अक्टूबर 2016 को जब टाटा संस की बोर्ड मीटिंग में मिस्त्री को निकालने का फैसला लिया गया तो उन्होंने सबसे पहले अपनी पत्नी को मैसेज करके बताया था कि मुझे नौकरी से निकाल दिया गया है।